नोएडा प्राधिकरण की 219वीं बोर्ड बैठक में रूकी परियोजनाओं की समीक्षा, 3724 फ्लैट बायर्स को मिली रजिस्ट्री

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर-6 स्थित मुख्य प्रशासनिक भवन में प्राधिकरण की 219वीं बोर्ड बैठक अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त उप्र. एवं नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में आनलाइन अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास विभाग आलोक कुमार, ग्रेटर नोएडा सीईओ रविकुमार एनजी, नोएडा सीईओ लोकेश एम, यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।
बैठक में कुल 37 एजेंडे शामिल किए गए। बैठक की शुरुआत 218वीं बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णयों की समीक्षा से हुई। वर्ष 2024-25 में होने वाले व्यय का तुलनात्मक अध्ययन के साथ ही नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना के लिए उपलब्ध कराई गई धनराशि पर शेयरधारिता को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया।
बोर्ड बैठक में समूह आवास क्षेत्र से जुड़े प्रस्तावों में अमिताभ कांत की सिफारिशों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की गई।
जिसमें बोर्ड बैठक में पुरानी रुकी हुई भू-सम्पदा परियोजनाओं (लिगेसी स्टाल्ड रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स) की समस्याओं के निदान के लिए शासनादेश के अन्तर्गत चिन्हित किये गये कुल 57 परियोजनाओं में से 29 सितंबर 2025 तक कुल 35 परियोजनाओं ने सफलतापूर्वक इस शासनादेश का लाभ उठाया है, जो कि कुल डेवलपर्स का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा है। इन परियोजनाओ में रूकी हुई लगभग 5758 फ्लैट बायर्स के पक्ष में नियमानुसार रजिस्ट्री की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकेगी। वर्तमान तिथि तक 3724 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री की जा चुकी है।
बोर्ड बैठक में संचालक मण्डल द्वारा इस तथ्य का भी सज्ञान लिया गया कि 10 ऐसी परियोजनाएं है जिनके द्वारा अपनी सहमति के उपरांत भी भुगतान नहीं किया गया, 13 ऐसे डेवलेपर है जिनके द्वारा 25 प्रतिशत धनराशि के सापेक्ष आशिक धनराशि जमा करायी गयी एवं 35 ऐसे डेवलेपर है जिनके द्वारा 25 प्रतिशत धनराशि जमा कराए जाने के उपरात कोई भी भुगतान नहीं किया गया है।
यह शासनादेश की मूल भावना के विरुद्ध ध् प्रतिकूल है। इसके दृष्टिगत निर्णय लिया गया कि शासनादेश के अतर्गत दिये जाने वाले लाभ दिये जाने की तिथि आगे नहीं बढ़ायी जायेगी। प्राधिकरण अतिदेयताओं की वसूली के लिये अपने नियम व शर्तों के अतर्गत कार्य करेगा।
इसके अलावा आवासीय भूखण्डों व ग्रुप हाउसिंग परिसम्पत्तियों में सशुल्क 12 वर्षों की अधिकतम समयवृद्धि के उपरान्त भी भवन निर्माण न करने की दशा में सभी रिक्त भूखण्डों को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। वर्क सर्किल से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर जिन भूखण्डों पर भवन का निर्माण हो चुका है या निर्माणाधीन है, मात्र उन भूखण्डों को भवन निर्माण पूर्ण कर अधिभोग प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 6 माह का एक अंतिम अवसर प्रदान किया जायेगा। इसके उपरांत प्राधिकरण स्तर पर इस प्रकार के प्रकरणों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।
बैठक में स्पोर्ट्स सिटी से जुड़े सेक्टर 78, 79, 150 और 152 की आवंटित भूमि से संबंधित निर्णय के साथ ही, नोएडा में योजना से लेकर कार्य आवंटन और व्यय तक के वित्तीय लेखे-जोखे को चाणक्य ऐप के माध्यम से अपडेट करने की व्यवस्था पर विचार किया गया। नगर निगम क्षेत्र में 300 टीडीपी क्षमता वाला एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव भी एजेंडे में शामिल किया गया। बैठक में सभी प्रस्तावों को अंतिम रूप देने के बाद कार्यवृत्त शासन को भेजा जाएगा।