नोएडा। ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शुक्रवार को विकसित भारत विकसित-उत्तर प्रदेश @ 2047 विषय पर विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राणा प्रताप सिंह, विशेष अतिथियों शिक्षा सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश/पूर्व यूजीसी (UGC) चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह, सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश/ पूर्व औषधि महानियंत्रक भारत सरकार डॉ. जीएन सिंह, डेलाॅइट के प्रतिनिधि अरविन्द गुप्ता व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम में डीपी सिंह ने अपनी व्याख्यान की शुरुआत गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के प्रांगण की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वप्न है कि यह विश्वविद्यालय विश्व का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बने।उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि विश्वविद्यालय केवल कक्षाओं या इमारतों के लिए ही जाना नहीं जाता बल्कि यह वह पवित्र स्थान है जहां एक विद्यार्थी अपने जीवन को गढ़ता है। स्वयं को पहचानता है और अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करता है। यह वह स्थान है जहां बड़े-बड़े और गंभीर चिंतानों का जन्म होता है। विश्वविद्यालय छात्रों और शिक्षकों से बनता है, जिसकी पहचान अकादमिक ज्ञान से होती है। उन्होंने रेखांकित किया कि मुख्यमंत्री की इस विश्वविद्यालय से बहुत अपेक्षाएं हैं।
उन्होंने विकसित भारत की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए बताया कि समग्र विकास, सांस्कृतिक विकास और आध्यात्मिक विकास का संयोजन है। मुख्यमंत्री के अनुसार सांस्कृतिक विकास और आध्यात्मिक विकास ही विकास की अवधारणा को पूर्ण करता है। विकसित भारत 2047 में वह वर्ष है जब हम आजादी के 100 वर्ष पूर्ण कर रहे होंगे। हमें ऐसे भारतीय नागरिक बनाने हैं जो वैश्विक नागरिक हों और साथ-साथ वह अपनी जड़ों से भी जुड़ें।
डीपी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य के अनुसार भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाना है और विश्व का नेतृत्वकर्ता भी बनाना है । उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में कहा कि शिक्षा नीति केवल शिक्षा का ही दस्तावेज नहीं है बल्कि यह भारत के विकास का और भारत को नेतृत्वकर्ता बनाने का एक दस्तावेज है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में उत्तर प्रदेश में समग्र विकास की एक लहर चली है। जिससे निवेशक उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं । बहुत सारी नई संस्थाएं और केंद्र उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थान पर खुल रहे हैं । उन्होंने अर्थशक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति की विस्तृत अवधारणा को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य भारत को विश्व गुरु बनाना है और विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है । साथ ही साथ विश्व कल्याण की भावना को भी समाहित करना है।
इस अवसर पर डा. जीएन सिंह ने कहा कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश बनेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के पथ पर अग्रसर है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश की जीडीपी 35 लाख करोड़ है और आने वाले 4 वर्षों में यह 90 लाख करोड़ हो जाएगी।पूरे भारत की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान 12% है। यह देश की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था है। उन्होंने बताया कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है। एक समय में भारत औषधि का आयात करता था परन्तु वर्तमान में हम 200 से ज्यादा देशों को औषधि का निर्यात करते हैं जैसे-जैसे भारत विकसित होगा वैसे-वैसे युवाओं को नए-नए अवसरों की प्राप्ति होगी ।
अरविंद गुप्ता ने विकसित भारत 2047 की अवधारणा को स्पष्ट किया और विकसित उत्तर प्रदेश 2047 क्या है इस विषय को भी स्पष्ट किया। उनके अनुसार युवाओं की शिक्षा और कौशल से ही उत्तर प्रदेश अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है ।
कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि हम प्रतिदिन अपने आप को कैसे बेहतर बना सकते हैं ,कैसे हम विशिष्ट बना सकते हैं ,कैसे हम एक क्षेत्र के लिए समर्पित होकर उस क्षेत्र में विशिष्टता हासिल कर सकते हैं । उन्होंने भौतिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया और कहा कि भौतिक उन्नति के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति भी महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम के समन्यवक, डॉक्टर अक्षय सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया।