बिहार बीजेपी में 'घर की लड़ाई', BJP MLC के बेटे ने VIP के टिकट पर भरा पर्चा; अररिया में भी बगावत



कटिहार में पिता-पुत्र आमने-सामने
कटिहार सदर विधानसभा सीट से सामने आया घटनाक्रम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। भाजपा के रणनीतिकार और विधान परिषद सदस्य (MLC) अशोक अग्रवाल के पुत्र सौरभ अग्रवाल ने सोमवार को भाजपा का दामन छोड़कर मुकेश सहनी की पार्टी VIP जॉइन कर ली और तत्काल महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में कटिहार सदर सीट से नामांकन दाखिल कर दिया।
इस सीट से भाजपा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और लगातार चार बार के विधायक तारकिशोर प्रसाद पर एक बार फिर भरोसा जताया है, जिससे मुकाबला अब "घर की लड़ाई" बन गया है। राजनीतिक जानकार इसे अशोक अग्रवाल और तारकिशोर प्रसाद के बीच लंबे समय से चली आ रही कथित 'शीत युद्ध' का परिणाम मान रहे हैं।
वीआईपी पार्टी में शामिल होने के बाद सौरभ अग्रवाल ने कटिहार की जनता की सेवा करने की प्रतिबद्धता जताई।
अररिया में 'कफ़न' ओढ़कर भाजपा नेता ने की बगावत
कटिहार की घटना के साथ ही, अररिया जिले के नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य पंडित अजय कुमार झा ने पार्टी के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। आलाकमान से आश्वासन के बावजूद टिकट न मिलने से वे इतने व्यथित और भावुक हैं कि उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी 'ईमानदारी और वफादारी' का सिला न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की।
सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन, उन्होंने अररिया आश्रम चौक स्थित आवास से पूजा-अर्चना के बाद अपने सर पर कफ़न बांध कर नरपतगंज से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने के लिए फारबिसगंज अनुमंडल कार्यालय की ओर कूच किया। इस दौरान उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने का भी ऐलान किया। झा ने नगर निकाय, पंचायती राज और एमपी-एमएलए चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन टिकट कटने के बाद वे लगातार पार्टी के खिलाफ मुखर रहे हैं। उनकी भावुकतापूर्ण बगावत ने भाजपा की अंदरूनी खींचतान को उजागर कर दिया है।
इन दोनों घटनाओं ने बिहार चुनाव में भाजपा के सामने अपनों के विरोध की चुनौती खड़ी कर दी है।
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