दिवाली बोनस कम मिलने पर टोल कर्मियों ने कर दी बगावत, उठा दिए बूम बैरियर, कंपनी को लगी 30 लाख की चोट



बोनस विवाद से भड़के कर्मचारी
फतेहाबाद टोल प्लाजा की जिम्मेदारी श्री साईं एंड दातार कंपनी के पास है, जिसने मार्च 2025 में ठेका लिया था। टोल पर कार्यरत 21 कर्मचारियों का आरोप था कि पिछले साल उन्हें 5,000 रुपये का बोनस मिला था, लेकिन इस बार कंपनी ने उन्हें सिर्फ 1100 रुपये का बोनस दिया।
कंपनी के मैनेजर द्वारा उनकी बोनस की मांग को अनसुना कर देने के बाद, शनिवार रात करीब 10 बजे कर्मचारी एकजुट हुए और विरोध स्वरूप सभी टोल गेट खोल दिए। कर्मचारियों का कहना था कि कंपनी ने उनके साथ धोखा किया है।
धनतेरस पर भयंकर जाम और पुलिस मूकदर्शक
चूंकि उस दिन धनतेरस था, इसलिए एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में तीन से चार गुना ज्यादा थी। टोल गेट खुलते ही हजारों गाड़ियां स्पीड से बिना टोल दिए निकल गईं।
कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्णा जुरैल ने बताया कि तेज गति के कारण निकलने वाली गाड़ियों के फास्टैग भी स्कैन नहीं हो पाए, जिससे टोल की वसूली पूरी तरह रुक गई। एक्सप्रेस-वे पर लखनऊ से आने वाली करीब 5 हजार गाड़ियां इस तरह टोल फ्री निकल गईं। टोल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस की मौजूदगी भी कर्मचारियों को शांत नहीं करा पाई।
सीनियर अफसरों ने दिया 10% सैलरी बढ़ाने का आश्वासन
प्रबंधन ने दूसरे टोल से कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने उन्हें काम नहीं करने दिया। स्थिति बिगड़ती देख, सीनियर अफसरों ने कर्मचारियों से लंबी बातचीत की।
काफी मशक्कत के बाद, अफसरों ने कर्मचारियों को 10 प्रतिशत सैलरी बढ़ाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद कर्मचारी माने। करीब दो घंटे बाद टोल प्लाजा पर कामकाज फिर से शुरू हो सका। इस दौरान कंपनी को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि लखनऊ से आगरा तक कार का एक तरफ का टोल टैक्स 665 रुपये है, जो एग्जिट प्वाइंट पर कटता है। यह घटना टोल संचालन और कर्मचारी कल्याण के प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
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