बिजनौर में HDFC बैंक से ₹30 लाख का लोन लेने पहुंची 'फर्जी जज' गिरफ्तार; पेशकार बना वकील और ड्राइवर भी पकड़े गए



मामला बिजनौर की एचडीएफसी बैंक शाखा का है। मुजफ्फरनगर की रहने वाली आयशा परवीन नामक महिला ने बैंक में ₹30 लाख के पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया था। लोन से संबंधित कागजात बिजनौर के किशनवास (थाना मंडावर) निवासी वकील अनस द्वारा बैंक में उपलब्ध कराए गए थे।
शुक्रवार को लोन की राशि ट्रांसफर करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आयशा परवीन को बैंक बुलाया गया। वह मुजफ्फरनगर में पंजीकृत एक बोलेनो गाड़ी से बैंक पहुंची, जिस पर ‘जज’ का स्टीकर लगा हुआ था।
दस्तावेजों में मिली बड़ी गड़बड़ी
बैंक अधिकारियों ने लोन प्रक्रिया के अंतिम चरण में जब कागजातों की दोबारा जाँच की, तो उन्हें संदेह हुआ। तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फर्जी जज आयशा परवीन, पेशकार बनकर आए वकील अनस, और गाड़ी के ड्राइवर को हिरासत में ले लिया।
फर्जी बैंक स्टेटमेंट का इस्तेमाल
प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि फर्जी जज ने लोन लेने के लिए देहरादून के एक्सिस बैंक की एक स्टेटमेंट प्रस्तुत की थी। इस स्टेटमेंट में ₹1.30 लाख मासिक सैलरी की आमद और लगभग ₹5 लाख जमा राशि दर्शाई गई थी। हालांकि, बैंक अधिकारियों ने जब संबंधित बैंक से वास्तविक स्टेटमेंट मंगाई, तो उसमें केवल ₹40 हजार जमा पाए गए और सैलरी की कोई एंट्री नहीं मिली। महिला का जॉइनिंग लेटर और जज होने का पहचान पत्र भी फर्जी बताया जा रहा है।
रामपुर के जज आवास में रहने की बात
हिरासत में लिए गए ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि वह रामपुर का रहने वाला है और टैक्सी चलाता है। उसने यह भी बताया कि खुद को जज बताने वाली आयशा परवीन रामपुर में अन्य जजों के लिए बने सरकारी आवास में रहती है। वह मैडम के बुलाने पर उनकी गाड़ी चलाने जाता था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि खुद को जज बताने वाली महिला समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन्होंने बैंक में कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर लोन लेने का प्रयास किया। फिलहाल तीनों से गहन पूछताछ की जा रही है और पूरे मामले की विस्तृत जांच जारी है।