अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया ने मिलाया हाथ! 8.5 अरब डॉलर का 'क्रिटिकल मिनरल्स समझौता', चीन की बढ़त रोकने की तैयारी


अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया संबंधों में नई ऊंचाई

चीन के नियंत्रण को तोड़ने में ऑस्ट्रेलिया निभाएगा बड़ी भूमिका
चीन ने हाल ही में रेयर-अर्थ मिनरल्स और उनसे बने मैग्नेट्स के निर्यात पर सख्त नियम लागू किए हैं। इसके तहत विदेशी कंपनियां तभी निर्यात कर सकेंगी जब उन्हें चीनी सरकार की मंजूरी मिले। व्हाइट हाउस के आर्थिक परिषद निदेशक केविन हैसेट ने कहा कि चीन इस नीति से वैश्विक तकनीकी सप्लाई चेन पर नियंत्रण करना चाहता है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की खनन संपन्न अर्थव्यवस्था चीन के इस नियंत्रण को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाएगी और अमेरिका की सप्लाई चेन सुरक्षा को मजबूत करेगी।
चीन की नियंत्रण-आधारित अर्थव्यवस्था पर निशाना
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि अमेरिका यह समझौता अपने सहयोगियों के साथ मिलकर चीन की “कंट्रोल-ड्रिवन इकोनॉमी” के मुकाबले के लिए कर रहा है। उन्होंने कहा, “चीन एक नियंत्रण-आधारित अर्थव्यवस्था है, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी किसी के नियंत्रण में नहीं रहेंगे।” जानकारों का मानना है कि यह डील आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक शक्ति-संतुलन को नया रूप देगी।
AUKUS सुरक्षा गठबंधन पर भी हुई अहम चर्चा
इस बैठक में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच AUKUS सुरक्षा समझौते पर भी चर्चा हुई। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच बना यह रक्षा गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को सीमित करने के उद्देश्य से बनाया गया है। ट्रंप ने कहा कि “AUKUS अब तेजी से और सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।” ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बानीज ने इसे अपनी देश की सुरक्षा नीति के लिए “बेहद अहम और दूरदर्शी कदम” बताया।
अल्बानीज की नीति- ‘ऑस्ट्रेलियाई तरीका’ अपनाने की प्रतिबद्धता
अल्बानीज ने इसी साल मई में दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने अपने विजय भाषण में कहा था कि उनकी पार्टी ने ‘ट्रंपिज्म’ की नकल किए बिना जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि वे वैश्विक चुनौतियों से “ऑस्ट्रेलियाई तरीके” से निपटना चाहते हैं, यानी सामूहिक सहयोग, भविष्य निर्माण और वैश्विक संतुलन पर ध्यान केंद्रित करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।