भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास 'ऑस्ट्राहिन्द' में रक्षा सहयोग को नया आयाम
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नयी दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक पिछले सप्ताह शुरू हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास 'ऑस्ट्राहिन्द' में एक दूसरे के साथ रण कौशल के गुर और अनुभव साझा कर रहे हैं। संयुक्त अभ्यास का यह चौथा संस्करण है जो 13 अक्टूबर को पर्थ में शुरू हुआ था और आगामी रविवार को संपन्न होगा।

सेना ने मंगलवार को बताया कि यह अभ्यास भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहरे होते रक्षा संबंधों को दर्शाता है।
इस वर्ष के अभ्यास का मुख्य फोकस शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में संयुक्त कंपनी स्तर के आतंकवाद-रोधी अभियान हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य पर केंद्रित है। दोनों देशों के सैनिक अपनी रणनीति को निखार रहे हैं और जटिल शहरी परिस्थितियों में अभियान चलाने की अपनी क्षमता में सुधार कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, इस अभ्यास में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों का अनुकरण भी शामिल है, जिसे वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों को दोहराने के लिए डिज़ाइन किया गया है जहां बहुराष्ट्रीय सेनाओं को विविध और चुनौतीपूर्ण वातावरण में प्रभावी ढंग से एक साथ काम करना होता है।
यह अभ्यास जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है दोनों पक्ष रणनीतिक अभ्यासों की एक श्रृंखला में भाग ले रहे हैं और युद्ध के अनुभवों को साझा कर रहे हैं, अपनी परिचालन क्षमताओं को मजबूत कर रहे हैं और गहन सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। ये अभ्यास अंतर-संचालनीयता को बढ़ावा देने के लिए भी डिज़ाइन किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारतीय सेना और ऑस्ट्रेलियाई सेना भविष्य के शांति अभियानों या मानवीय अभियानों में निर्बाध रूप से सहयोग कर सकें।
यह अभ्यास दोनों सेनाओं के लिए एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने का अवसर भी प्रदान करता है और इससे महत्वपूर्ण सीख मिलने की उम्मीद है जो भविष्य के संयुक्त अभियानों में योगदान देगी। भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं के बीच सहयोग न केवल उनकी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए उनकी साझा प्रतिबद्धता को भी पुष्ट करता है।