पटियाला। पंजाब में पराली जलाने के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें पंजाब में पराली जलाने वालों पर कार्रवाई और स्टबल बर्निंग को रोकने के लिए टीमों की तैनाती की जानकारी दी गई है। पंजाब में पराली जलाने के बाद हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है और इसका असर आसपास के राज्यों में भी बढ़ रहा है।
खासकर दिल्ली में दिवाली के बाद हवा सांस लेने लायक नहीं बची है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोडल अधिकारी राजीव गुप्ता ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि स्टबल बर्निंग (पराली जलाने) के मामलों को रोकने के लिए पंजाब में अलग-अलग जगहों पर टीम तैनात की गई है। पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी तक पंजाब में 179 फिजिकल बर्निंग साइट्स को लोकेट किया गया है, जहां सबसे ज्यादा पराली जलाने के केस दर्ज किए गए हैं। इसमें से कुछ मामलों में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है। दर्ज किए गए 179 मामलों में 8 लाख 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है और आधा से ज्यादा वसूल कर लिया गया है। रिपोर्ट में पंजाब की उन जगहों का भी खुलासा किया गया है जहां सबसे ज्यादा स्टबल बर्निंग के मामले दर्ज किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक अमृतसर से 51, तरन तारन से 56, और पटियाला जिले से 10 मामले सामने आए हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एयर क्वालिटी लैबोरेटरी के पर्यावरण अधिकारी अतुल कौशल का कहना है कि पंजाब में वायु गुणवत्ता की जांच की जा रही है और अब जांच में पंजाब की एयर क्वालिटी मॉडरेट से पुअर है। दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता और गिर गई है। पहले पंजाब के कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता 'मॉडरेट' स्तर पर थी, लेकिन 20 अक्टूबर के बाद ज्यादातर शहरों और जिलों में वायु गुणवत्ता 'पुअर' श्रेणी में आ गई है। हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण, सरकारी एजेंसी और पर्यावरण विभाग मिलकर काम कर रहे हैं और किसानों से पराली न जलाने की अपील कर रहे हैं। बता दें कि सिर्फ दिवाली के लिए पंजाब में अलग-अलग जगह पर पराली जलाने के 45 मामले सामने आए हैं।