जीएसटी 2.0 से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा, किसानों और कारीगरों को मिला सहारा



होटल और रेस्टोरेंट सहित पर्यटन, उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में 13.6 प्रतिशत का योगदान देता है और लगभग 80,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है। 7,500 रुपए तक के होटल किराए पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। इस सुधार से यात्रा और अधिक किफायती होने और नैनीताल, मसूरी, औली, चोपता, मुनस्यारी, हरिद्वार और ऋषिकेश के छोटे होटलों, रेस्टोरेंट और होमस्टे को लाभ मिलने की उम्मीद है। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में, स्थानीय रूप से हाथ से बुने हुए स्वेटर, टोपी और मोजे पहाड़ी महिलाओं द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण मौसमी कुटीर उद्योग हैं। जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है जिससे मांग में वृद्धि और आय में वृद्धि होगी।
इसी प्रकार, रिंगाल (पहाड़ी बांस) से बनी टोकरियां, ट्रे और उपयोगी वस्तुएं बनाने वाले कारीगरों को भी लाभ होगा। उत्तराखंड में 383 पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां हैं, जो मुख्य रूप से रुद्रपुर में स्थित हैं और लगभग 30,000 लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं। जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से मार्जिन में सुधार, मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहन और फल प्रसंस्करण, हर्बल उत्पादों और जैविक खाद्य पदार्थों जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे राज्य का कृषि-औद्योगिक आधार मजबूत होगा।
पंतनगर, रुद्रपुर, हरिद्वार और काशीपुर में ऑटोमोबाइल विनिर्माण क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50,000 लोगों को रोजगार प्रदान करता है। 1200 सीसी (पेट्रोल) और 1500 सीसी (डीजल) तक के वाहनों पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से कीमतों में गिरावट की उम्मीद है। इससे घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा, निर्माताओं को समर्थन मिलेगा और ऑटोमोबाइल मूल्य श्रृंखला में अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा होंगे।