इस सीजन की सबसे फायदेमंद फसल की करें बुवाई – सही समय और तकनीक से पाएं ₹1 लाख तक का मुनाफा



बुवाई का सही समय और मिट्टी का चयन
रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही नवंबर का महीना इस फसल की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। धान की फसल की कटाई पूरी होते ही खेत तैयार हो जाते हैं और किसानों के पास नए पौध लगाने का मौका होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दोमट या बलुई दोमट मिट्टी जिसमें पानी की निकासी अच्छी हो, इस फसल के लिए आदर्श मानी जाती है। अगर खेत में 60 से 70 प्रतिशत तक नमी बनी रहे तो बीज अंकुरण बहुत अच्छा होता है और पौधे तेजी से बढ़ते हैं।
मिट्टी में नमी और तापमान का सही संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है क्योंकि यही बात फसल की जड़ों की मजबूती और उत्पादन को प्रभावित करती है। इस मौसम में जो किसान खेत की तैयारी में देर नहीं करते, वे बेहतर पैदावार हासिल कर सकते हैं।
खेती की तैयारी और खाद का सही उपयोग
धान की कटाई के तुरंत बाद खेत की 2 से 3 बार जुताई करनी चाहिए ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और खरपतवार खत्म हो सकें। अंतिम जुताई के समय गोबर की सड़ी खाद यानी FYM लगभग 15 से 30 टन प्रति हेक्टेयर की दर से डालना लाभदायक होता है। इससे मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ते हैं और फसल की जड़ें मजबूत होती हैं।
इसके अलावा खेत में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे पोषक तत्वों वाली उर्वरक डालना भी जरूरी है। प्रति हेक्टेयर 75 से 100 किलोग्राम तक उर्वरक डालने से फसल की वृद्धि तेज होती है। आजकल किसान रासायनिक खाद के साथ जैविक विकल्पों जैसे वर्मी कम्पोस्ट और कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल भी बढ़ा रहे हैं जिससे मिट्टी की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है और फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
आधुनिक तकनीक की बात करें तो आजकल पोटैटो प्लांटर जैसी मशीनें किसानों के काम को आसान बना रही हैं। यह मशीन एक साथ बीज और खाद दोनों की बुवाई करती है जिससे समय और श्रम दोनों की बचत होती है। एक घंटे में यह मशीन एक एकड़ तक खेत तैयार कर सकती है।
फसल की दूरी और सिंचाई का ध्यान
बुवाई के समय पौधों के बीच लगभग 45 सेंटीमीटर की दूरी रखना और बीजों को 10 से 15 सेंटीमीटर की गहराई में बोना सबसे बेहतर रहता है। इससे पौधों को पर्याप्त जगह और पोषण मिलता है। शुरुआती दिनों में सिंचाई बहुत जरूरी होती है ताकि मिट्टी की नमी बनी रहे। अगर किसान सही समय पर सिंचाई करते हैं तो फसल की जड़ें मजबूत बनती हैं और पौधे रोगों से भी सुरक्षित रहते हैं।
फसल के शुरुआती 30 दिनों में नमी का विशेष ध्यान रखें क्योंकि यही समय पौधों की वृद्धि का सबसे अहम चरण होता है। सही सिंचाई और मिट्टी की देखभाल से फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है और बाजार में ऊंचे दाम मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
नवंबर का महीना इस फसल की खेती के लिए सबसे सुनहरा समय है। अगर किसान सही मिट्टी, उचित खाद और आधुनिक तकनीक का उपयोग करें तो इस सीजन में शानदार उत्पादन संभव है। यह फसल कम समय में तैयार होकर किसानों को अधिक लाभ देती है। इसलिए किसान भाई, धान की कटाई के बाद खेत को खाली न छोड़ें, इस फसल की तैयारी शुरू करें और आने वाले महीनों में अपने खेत से भरपूर मुनाफा कमाएं