दीपावली विशेष- समृद्ध राष्ट्र की कहानी कहते भारत के लक्ष्मी मंदिर

On

भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में लक्ष्मी मंदिरों का विशेष स्थान है। देवी लक्ष्मीजो समृद्धिधनसौभाग्य और शक्ति की प्रतीक हैंके ये मंदिर न केवल धार्मिक केंद्र हैंबल्कि स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने भी हैं। हिंदू धर्म में लक्ष्मी को विष्णु की अर्धांगिनी के रूप में पूजा जाता हैऔर ये मंदिर उनकी विभिन्न रूपों—जैसे महालक्ष्मीपद्मावतीगजलक्ष्मीअष्टलक्ष्मी आदि—को समर्पित हैं।

 

और पढ़ें मुजफ्फरनगर के लापता कार चालक की हत्या, सहारनपुर के जंगल में क्षत-विक्षत शव मिला

भारत के विभिन्न कोनों में फैले ये मंदिरदक्षिण से उत्तर तकद्रविड़नागर और चालुक्य शैलियों का प्रदर्शन करते हैं। इनकी स्थापना प्राचीन काल से चली आ रही हैजहां राजाओंसंतों और भक्तों ने इन्हें समृद्ध किया। दिवाली और नवरात्रि जैसे त्योहारों पर ये मंदिर भक्तों से पट जाते हैंजहां प्रार्थना और उत्सव एक साथ फलते-फूलते हैं। ये मंदिर न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैंबल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रतीक भी हैं। ये मंदिर समृद्ध राष्ट्र की कहानी कहते है और हमें भारतीय संस्कृति की विविधता और दिव्य ऊर्जा से परिचित कराते हैंजहां प्रत्येक पत्थर में भक्ति की गूंज सुनाई देती है। 

और पढ़ें लखनऊ में सफाई व्यवस्था पर भड़के प्रभारी मंत्री, गंदगी मिलने पर कंपनी पर लगाया ₹10 लाख का भारी जुर्माना

 

और पढ़ें धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, लिया आशीर्वाद

महालक्ष्मी मंदिरकोल्हापुर (महाराष्ट्र)

कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिरजिसे अंबाबाई मंदिर भी कहा जाता हैभारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है। कहा जाता है कि 7वीं शताब्दी में चालुक्य राजा कर्णदेव ने इसका निर्माण करायाऔर बाद में शिलाहार राजा भोज द्वितीय ने इसका पुनर्निर्माण किया। देवी यहां महालक्ष्मी के रूप में विराजमान हैं — एक ऐसी माता जो केवल धन ही नहींबल्कि शक्ति और करुणा का भी आशीर्वाद देती हैं। काले पत्थरों से बना यह मंदिर हेमाडपंथी शैली का अद्भुत उदाहरण है। इसकी नक्काशियों में देवत्व की झलक मिलती है। पश्चिममुखी देवी की मूर्ति दुर्लभ हैजो “त्वरित वरदान” का प्रतीक मानी जाती है। नवरात्रि और किरणोत्सव के समय मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। कोल्हापुर का यह धाम आज भी भक्तों को आत्मविश्वास और समृद्धि की अनुभूति कराता है।

 

श्रीपुरम गोल्डन लक्ष्मी मंदिरवेल्लोर (तमिलनाडु)

अगर स्वर्ण की चमक और भक्ति का मिलन देखना होतो वेल्लोर का श्रीपुरम लक्ष्मी नारायणी मंदिर जाना चाहिए। 2007 में बना यह मंदिर लगभग 1500 किलो सोने से मढ़ा गया हैजो इसे विश्व का सबसे बड़ा स्वर्ण मंदिर बनाता है। 40 एकड़ में फैला यह मंदिर ‘श्री चक्र’ के आकार में बना हैजहां भक्तों को स्वर्णजटित मूर्तियों और उद्यानों के बीच आत्मिक शांति का अनुभव होता है। यहां की लक्ष्मी नारायणी की मूर्ति न केवल दर्शनीय हैबल्कि श्रद्धा का केंद्र भी। यह मंदिर सोने की आभा से नहींबल्कि भक्तों की आस्था से भी जगमगाता है। यह आधुनिक भारत में भी आध्यात्मिकता की शक्ति का प्रमाण है।

 

पद्मावती मंदिरतिरुचानूर (आंध्र प्रदेश)

तिरुपति की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक भक्त देवी पद्मावती के दर्शन न कर लें। कमल से उत्पन्न पद्मावती लक्ष्मी का ही अवतार मानी जाती हैंजिनका विवाह स्वयं भगवान वेंकटेश्वर से हुआ था। यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना है और इसका ऊंचा गोपुरम दूर से ही भक्तों को आकर्षित करता है। यहां की पद्मावती की स्वर्ण मूर्ति और परिसर का शांत वातावरण एक अलौकिक अनुभव देता है। तिरुपति से मात्र पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान वैवाहिक सुख और समृद्धि का आशीर्वाद पाने वालों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

 

अष्टलक्ष्मी मंदिरचेन्नई (तमिलनाडु)

चेन्नई का बेसेंट नगर समुद्र तट न केवल सुंदर दृश्य के लिए प्रसिद्ध हैबल्कि यहां स्थित अष्टलक्ष्मी मंदिर भी अद्भुत है। यह मंदिर देवी लक्ष्मी के आठ रूपों — धनसंततिविजयाधैर्यगजविद्यधान्य और ऐश्वर्य — को समर्पित है। समुद्र की लहरों के साथ जब आरती की ध्वनि गूंजती हैतो वातावरण में अपार सकारात्मक ऊर्जा फैल जाती है। यह मंदिर केवल भक्ति का स्थल नहींबल्कि जीवन के आठ मूल्यों की स्मृति दिलाता है।

 

महालक्ष्मी मंदिरमुंबई (महाराष्ट्र)

मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर अरब सागर के किनारे स्थित हैऔर शहर के व्यस्त जीवन में यह स्थान भक्ति की शरणस्थली जैसा है। कहा जाता है कि जब ब्रिटिश काल में समुद्र से तीन मूर्तियाँ निकलींतो उनके लिए यह मंदिर बनाया गया। यहां देवी महालक्ष्मी के साथ महाकाली और महासरस्वती भी विराजती हैं। दीपावली और नवरात्रि पर यहां का दृश्य अद्भुत होता है — फूलोंदीपों और आरती की ध्वनियों से पूरा वातावरण दैवीय बन जाता है। यह मंदिर बताता है कि भक्तिचाहे महानगर की भीड़ में क्यों न होअपना मार्ग खोज ही लेती है।

 

लक्ष्मी देवी मंदिरडोड्डगद्दावल्ली (कर्नाटक)

कर्नाटक के हासन जिले में स्थित यह मंदिर 1113 ईस्वी में बना था और यह होयसल स्थापत्य का दुर्लभ उदाहरण है। चारों दिशाओं में गर्भगृह वाला यह ‘चतुश्कुट’ मंदिर अपने आप में अनूठा है। मुख्य देवी लक्ष्मी के साथ यहां कालीविष्णु और शिव की उपासना भी होती है — यह इस भूमि की धार्मिक समरसता का प्रतीक है। नवरात्रि के समय यहां का वातावरण संगीत और श्रद्धा से भर जाता है।

 

अष्टलक्ष्मी मंदिरहैदराबाद (तेलंगाना)

चेन्नई के मंदिर से प्रेरित यह अष्टलक्ष्मी मंदिर हैदराबाद में 1996 में बना। इसकी भव्य गोपुरम और देवी के आठ स्वरूपों की मूर्तियाँ इसे विशेष बनाती हैं। यहां की वास्तुकला दक्षिण भारत की समृद्ध परंपरा का दर्पण है।

 

वरलक्ष्मी मंदिरमंगलगिरि (आंध्र प्रदेश)

मंगलगिरि का यह मंदिर देवी लक्ष्मी और भगवान नरसिंह के संयुक्त रूप को समर्पित है। यहां की “पानक अभिषेक” परंपरा प्रसिद्ध है — जिसमें भगवान को गुड़ का रस अर्पित किया जाता है। ब्रह्मोत्सव के समय यहां श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है।

 

गजलक्ष्मी मंदिरउज्जैन (मध्य प्रदेश)

महाकाल की नगरी उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित गजलक्ष्मी मंदिर देवी लक्ष्मी के गजलक्ष्मी रूप को समर्पित है। इस रूप में देवी हाथी पर विराजमान रहती हैं। जो ऐश्वर्य और सौभाग्य का प्रतीक है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और गुप्त व परमार शासकों ने इसका विस्तार कराया। नागर शैली में बने इस मंदिर का गर्भगृह सरल होते हुए भी भव्य है। दीपावली और नवरात्रि पर यहां विशेष पूजा-अभिषेक होते हैं। गजलक्ष्मी मंदिर उज्जैन की आध्यात्मिक पहचान हैजो भक्तों को सुखशांति और समृद्धि का आशीर्वाद देता है। महाकालेश्वर और गजलक्ष्मी — दोनों मिलकर उज्जैन को पूर्णता प्रदान करते हैं।

 

महालक्ष्मी मंदिररतलाम (मध्य प्रदेश)

रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। दीपावली के समय भक्त अपने सोने-चांदी के आभूषण और नकदी देवी को अर्पित करते हैं। लाखों की यह सजावट न केवल भव्यता का प्रदर्शन हैबल्कि विश्वास का उत्सव भी है। यह परंपरा दर्शाती है कि सच्ची लक्ष्मी वही हैजो लोककल्याण में प्रयुक्त हो। नवरात्रि और दीपावली पर यहां का दृश्य मन मोह लेता है।

 

लक्ष्मी नारायण मंदिरओरछा (मध्य प्रदेश)

ओरछा का यह मंदिर अपने स्थापत्य और रहस्यमयी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। बुंदेला राजा बिर सिंह देव ने 1622 में इसे बनवाया था। मंदिर किले जैसी संरचना में बना है और इसकी दीवारों पर सुंदर भित्तिचित्र अंकित हैं। दीपावली की रात जब यहां आरती होती हैतो पूरा ओर्चा लोककला और भक्ति का जीवंत रूप बन जाता है।

 

लक्ष्मी मंदिरखजुराहो (मध्य प्रदेश)

खजुराहो समूह के मंदिरों में यह छोटा-सा मंदिर भी अपनी कला और सौंदर्य के लिए अद्वितीय है। 10वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसकी भित्तियों पर उकेरी गई नक्काशियाँ प्राचीन भारतीय कला की सजीव झलक हैं। यहां के हर पत्थर में चंदेल युग की दिव्यता और शिल्पकार की भावना बसती है।


भारत के ये लक्ष्मी मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं — वे हमारी आस्थाहमारी कला और हमारी संस्कृति के साक्षात प्रतीक हैं। कहीं स्वर्ण से झिलमिलातेतो कहीं पत्थरों में गढ़ेये मंदिर हमें याद दिलाते हैं कि सच्ची लक्ष्मी केवल धन में नहींबल्कि श्रद्धापरिश्रम और करुणा में बसती है। दीपावली के इस पावन अवसर पर जब घर-घर दीप जलेंगेतो आइए इन मंदिरों की स्मृति में हम भी अपने भीतर एक दीप जलाएं — भक्ति काकरुणा का और समृद्धि का।

 

-देशना जैन

लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन न्यूज़ Picture

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !

नवीनतम

किसानों को दीपावली का तोहफा, सरकार ने गन्ने के दाम ₹15/क्विंटल बढ़ाए, अब मिलेगा ₹415 प्रति क्विंटल

  चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को दीपोत्सव से पहले किसानों को तोहफा देते हुए उन्होंने...
Breaking News  देश-प्रदेश  हरियाणा 
किसानों को दीपावली का तोहफा, सरकार ने गन्ने के दाम ₹15/क्विंटल बढ़ाए, अब मिलेगा ₹415 प्रति क्विंटल

अयोध्या के दीपोत्सव में जले 26 लाख 11 हजार 101 दीये, CM योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना

नई दिल्ली । समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने...
Breaking News  उत्तर प्रदेश  मुख्य समाचार  अयोध्या 
अयोध्या के दीपोत्सव में जले 26 लाख 11 हजार 101 दीये, CM योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना

दीपावली विशेष- समृद्ध राष्ट्र की कहानी कहते भारत के लक्ष्मी मंदिर

भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में लक्ष्मी मंदिरों का विशेष स्थान है। देवी लक्ष्मी, जो समृद्धि, धन...
Breaking News  धर्म ज्योतिष  धर्म-अध्यात्म 
दीपावली विशेष-  समृद्ध राष्ट्र की कहानी कहते भारत के लक्ष्मी मंदिर

लक्ष्मी संग गणेश-सरस्वती पूजन का अर्थ

प्रकाश पर्व है पर न जाने कब से लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती की पूजा का प्रचलन है। हम सभी ने हजारों...
धर्म ज्योतिष  धर्म-अध्यात्म 
लक्ष्मी संग गणेश-सरस्वती पूजन का अर्थ

दीपावली : दीप जलाएं, पटाखे नहीं

आज दीपावली धूम धड़ाके, रोशनी एवं पटाखों का सबसे बड़ा उत्सव बनकर सामने है व्यापार, बाज़ार एवं सरकार तथा धार्मिकसंस्थान...
लाइफस्टाइल  आपकी बात 
दीपावली : दीप जलाएं, पटाखे नहीं

उत्तर प्रदेश

अयोध्या के दीपोत्सव में जले 26 लाख 11 हजार 101 दीये, CM योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना

नई दिल्ली । समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने...
Breaking News  उत्तर प्रदेश  मुख्य समाचार  अयोध्या 
अयोध्या के दीपोत्सव में जले 26 लाख 11 हजार 101 दीये, CM योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना

मीरजापुर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के ₹1,05,000 की रकम पीड़ित को वापस कर बड़ी सफलता हासिल की

मीरजापुर। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच मीरजापुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। थाना कोतवाली कटरा...
उत्तर प्रदेश  लखनऊ 
मीरजापुर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के ₹1,05,000 की रकम पीड़ित को वापस कर बड़ी सफलता हासिल की

अधिवक्ता के घर पुलिस के मारपीट और तोड़-फोड़ मामले में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, गिरफ्तारी पर रोक

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फर्रुखाबाद के अधिवक्ता के घर में पुलिस द्वारा पत्नी, बेटे व नौकर से मारपीट और...
उत्तर प्रदेश  प्रयागराज 
अधिवक्ता के घर पुलिस के मारपीट और तोड़-फोड़ मामले में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, गिरफ्तारी पर रोक

सहारनपुर में मंडलायुक्त अटल कुमार राय और जिलाधिकारी मनीष बंसल ने दी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

सहारनपुर। मण्डलायुक्त अटल कुमार राय ने दीपावली पर्व पर मंडलवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा...
उत्तर प्रदेश  सहारनपुर 
सहारनपुर में मंडलायुक्त अटल कुमार राय और जिलाधिकारी मनीष बंसल ने दी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं