नौसेना दिवस पर चमकेगी ‘जल कन्या’: पीएम मोदी के सामने दिखेगा बेटियों के साहस और सशक्तिकरण का सिनेमाई सफर


शक्तिशाली निर्देशक जोड़ी की प्रेरक पहल

देशभर के छात्रों की अनोखी भागीदारी
इस अभूतपूर्व पहल में देशभर के नौसेना स्कूलों से 25 छात्रों का चयन किया गया, जिन्हें मुंबई में आयोजित पांच दिवसीय फिल्म निर्माण कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया गया। इस वर्कशॉप में भारतीय सिनेमा के बड़े नामों ने योगदान दिया - जिनमें आमिर खान, अनुराग कश्यप, शंकर महादेवन, जावेद जाफरी और संपादक ए. श्रीकर प्रसाद शामिल थे। इन छात्रों ने न केवल तकनीकी कौशल सीखा बल्कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और सामुदायिक मुद्दों को छोटे-छोटे सिनेमाई रूप में ढाला। यही लघु फिल्में जल कन्या की आत्मा हैं।
युवाओं की सोच से जन्मी है ‘जल कन्या’
डॉक्यूमेंट्री में इन युवा फिल्म निर्माताओं की कहानियां समाज में समानता, सशक्तिकरण और बदलाव की भावनाओं को झलकाती हैं। जल कन्या एक ऐसा प्रयास है जो दर्शाता है कि भारत की नई पीढ़ी देश के सामाजिक ताने-बाने में किस तरह से संवेदनशील परिवर्तन ला सकती है। यह सिनेमा केवल प्रेरणा नहीं देता, बल्कि भविष्य के कहानीकारों को आकार देने का माध्यम बनता है।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की गूंज पर आधारित फिल्म
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 जनवरी 2015 को शुरू हुए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान ने देशभर में समानता और सम्मान का संदेश फैलाया। जल कन्या इसी विचार का विस्तार है जो सिनेमा के जरिये नारी सशक्तिकरण और सम्मान को नए आयाम देता है। संजीव सिवन का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री को कहानीकारों की नई पीढ़ी को मंच देने और उन लोगों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया है जिन्होंने इस अभियान को जनांदोलन बना दिया।
सिवन परिवार की सिनेमाई विरासत
संजीव सिवन का परिवार भारतीय सिनेमा में एक प्रतिष्ठित नाम रहा है। उनके पिता स्वर्गीय सिवन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक थे। वहीं उनके बड़े भाई दिवंगत संगीत सिवन ने सुपरस्टार मोहनलाल की चर्चित फिल्म योद्धा का निर्देशन किया था। संजीव अब उसी विरासत को एक नए दृष्टिकोण से आगे बढ़ा रहे हैं - जहां परंपरा, तकनीक और सामाजिक जिम्मेदारी एक साथ जुड़ते हैं।