लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधायी प्रशिक्षण में जताई चिंता: स्पष्ट कानून से ही संभव त्वरित न्याय

Haryana News: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अस्पष्ट कानूनों के कारण न्यायपालिका का हस्तक्षेप बढ़ता है। उन्होंने विधानसभाओं और संसद में कानून का मूल ड्राफ्ट स्पष्ट रखने पर जोर दिया। बिरला ने बताया कि विधायी मसौदा नागरिकों के कल्याण और राज्य के विकास के लिए प्रभावी होना चाहिए।
कानून का मूल उद्देश्य: न्याय और जवाबदेही
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
लोकसभा अध्यक्ष ने यह बात चंडीगढ़ स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित दो दिवसीय विधायी प्रारूपण प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कही। यह प्रशिक्षण हरियाणा विधानसभा और संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
सरल और पारदर्शी कानून लोकतंत्र के लिए जरूरी
ओम बिरला ने कहा कि स्पष्ट, सरल और पारदर्शी कानून ही लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं। समय के साथ बदलती परिस्थितियों के अनुरूप कानूनों में संशोधन और नए कानूनों का निर्माण आवश्यक है। उनका उद्देश्य था कि आने वाले समय में ऐसे विधायी मसौदे तैयार किए जाएँ जो नागरिकों के कल्याण और राज्य के विकास में अधिक प्रभावी साबित हों।
संविधान और विधायी शक्तियां
बिरला ने कहा कि भारत का संविधान आज भी सभी के लिए मार्गदर्शक है। संविधान ने विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की स्पष्ट शक्तियां निर्धारित की हैं। संसद और विधानसभाएं इन सीमाओं में रहकर जनता की आकांक्षाओं को कानूनी रूप देती हैं।
विशेषज्ञों का अनुभव नई पीढ़ी तक
लोकसभा अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि राज्य विधानसभाएं और राज्य सरकारें नियमित रूप से विधायी ड्राफ्टिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें। इससे अनुभवी विशेषज्ञों का अनुभव नई पीढ़ी तक पहुंच सके और कानून निर्माण और संशोधन में मदद मिले।
व्यापक चर्चा से मजबूत लोकतंत्र
ओम बिरला ने कहा कि अच्छा लोकतंत्र वही है, जहां विधानसभाओं में व्यापक चर्चा, संवाद, सहमति और असहमति के बावजूद अंतिम उद्देश्य लोक कल्याण हो। हरियाणा विधानसभा द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रीय विधायी प्रारूपण कार्यक्रम का हिस्सा
यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय विधायी प्रारूपण कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 2023 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई थी। इससे पहले गांधीनगर, लखनऊ, शिमला, रांची, जबलपुर और पटना में भी ऐसे प्रशिक्षण आयोजित किए जा चुके हैं।
प्रशिक्षण में सहभागिता
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा और हरियाणा सरकार के लगभग 400 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। विशेषज्ञ वक्ता उन्हें विधायी प्रारूपण, संवैधानिक मूल्यों, सटीक कानूनी भाषा और निर्वाचन नियमों पर मार्गदर्शन देंगे।