चंबल में फिर लौटे डकैत! योगेंद्र गुर्जर के खौफ से गूंजे जंगल, 200 पुलिसकर्मियों का एंटी डकैत ऑपरेशन शुरू


गर्भवती महिला का अपहरण और फिर धमकी

पुलिस उतरी जंगलों में, चला 7 घंटे लंबा सर्च अभियान
घटना के बाद ग्वालियर पुलिस तत्काल हरकत में आई और छह थानों से करीब 200 जवानों को लेकर एक संयुक्त “एंटी डकैत ऑपरेशन” चलाया गया। शनिवार सुबह छह बजे से शुरू हुए इस अभियान में पुलिस ने करीब 20 किलोमीटर तक के क्षेत्र को सर्च किया। कई गांवों में पूछताछ के दौरान पुलिस को डकैत गिरोह के मूवमेंट के संकेत मिले हैं। 2010 के बाद यह चंबल में इतनी बड़ी पैमाने पर की गई पहली पुलिस कार्रवाई मानी जा रही है।
थाना प्रभारी की लापरवाही पर गिरी गाज
डकैत योगेंद्र गुर्जर की तलाश में जहां पुलिस टीमें जंगलों में पसीना बहा रही थीं, वहीं तिघरा थाना प्रभारी शिवकुमार शर्मा अपनी टीम लेकर बाजार में दीवाली की खरीदारी करते पाए गए। इस गंभीर लापरवाही पर ग्वालियर के SSP धर्मवीर सिंह ने उन्हें तत्काल लाइन हाजिर कर दिया। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में अनुशासन को लेकर सख्ती का संदेश गया है।
डर के साए में जी रहा पीड़ित परिवार
डकैतों के चंगुल से छूटने के बाद अंजू गुर्जर ने हाल ही में ग्वालियर अस्पताल में स्वस्थ बेटे को जन्म दिया है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बावजूद उसका परिवार गांव लौटने को राजी नहीं है। अंजू के ससुर ब्रजलाल का कहना है कि डकैतों ने चरवाहों के जरिये खुली धमकी दी है — “दीवाली तक तुम्हारा गांव गुर्जा, भंवरपुरा जैसा कर देंगे।” यह चेतावनी क्षेत्र के अन्य गांववालों के लिए भी डर का सबब बन गई है।