कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड: 24 मासूमों की जान लेने वाले केमिकल की जांच गहराई तक पहुंची, केमिकल एनालिस्ट रिमांड पर


श्रीसन फार्मा की केमिकल एनालिस्ट गिरफ्तार

जांच का अहम सवाल: औद्योगिक या औषधीय प्रोपेलीन ग्लाइकाल?
एसआईटी यह पता लगाने में जुटी है कि कंपनी ने औषधीय उपयोग वाला प्रोपेलीन ग्लाइकाल खरीदा था या औद्योगिक। यदि यह साबित हो गया कि औद्योगिक उपयोग वाला ग्लाइकाल खरीदा गया था, तो आपूर्तिकर्ता को भी दोषी बनाया जा सकता है। यह सवाल पूरे केस की दिशा तय करेगा।
तीन दिन का रिमांड, पुलिस तलाश रही लापरवाही की कड़ी
बुधवार को एसआईटी के अधिकारी के. माहेश्वरी को छिंदवाड़ा के परासिया लेकर पहुंचे, जहां न्यायालय ने उसे तीन दिनों के लिए रिमांड पर भेज दिया। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पूछताछ के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि गुणवत्ता जांच में लापरवाही कहां हुई और इसके असली जिम्मेदार कौन हैं। साथ ही, यह भी जांचा जा रहा है कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के कौन से प्रावधान तोड़े गए।
गुणवत्ता रिपोर्ट नहीं मिली, टेस्टिंग पर उठे सवाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एसआईटी ने माहेश्वरी से कोल्ड्रिफ कफ सिरप की गुणवत्ता जांच रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन उन्होंने रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। इससे संदेह गहरा गया है कि हो सकता है सिरप की टेस्टिंग कराई ही नहीं गई हो।
ज़हरीला सच: मानक सीमा से 480 गुना अधिक डीईजी पाया गया
जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सिरप में डायथिलीन ग्लाइकाल (DEG) की मात्रा 48.6 प्रतिशत पाई गई, जबकि नियमानुसार यह केवल 0.1 प्रतिशत तक होनी चाहिए। यही रासायनिक ज़हर बच्चों की मौत का कारण बना। अब तक डॉक्टर प्रवीण सोनी, कंपनी मालिक जी. रंगनाथन और के. माहेश्वरी समेत पांच लोग गिरफ्त में हैं।