मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण को लेकर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने BJP पर लगाया धोखे का आरोप

भाेपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। उच्चतम न्यायालय में ओबीसी आरक्षण पर 23 सितंबर से अंतिम सुनवाई हाेनी है। लेकिन उससे पहले आरक्षण बहाल करने की दिशा में भारतीय जनता पार्टी सरकार की मंशा पर कांग्रेस ने एक बार फिर सवाल खड़े किये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं दिखाई दे रही है और वह एक बार फिर अपने पुराने रूख से पलटने की तैयारी कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार काे साेशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण बहाल करने की दिशा में भारतीय जनता पार्टी सरकार की मंशा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में मैंने 2019 में OBC वर्ग को 27% आरक्षण दिया था। उसके बाद इस आरक्षण को समाप्त करने का काम भाजपा ने किया था। पिछले छह साल से भाजपा OBC आरक्षण को लेकर दोमुंही नीति अपना रही है। सार्वजनिक बयानों में भाजपा और उसके नेता 27% OBC आरक्षण का समर्थन करते हैं लेकिन अदालत में और नीति बनाने के मामले में भाजपा सरकार 27 प्रतिशत OBC आरक्षण का विरोध करती है।
कमलनाथ ने आगे कहा कि अब जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अंतिम सुनवाई शुरू होने वाली है, तब उससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर 27 प्रतिशत OBC आरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता ज़ाहिर की थी। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को अपना समर्थन दिया था। लेकिन अब फिर ख़बर आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार अपने रुख़ से पलटने की तैयारी कर रही है। मैं भाजपा को आगाह करना चाहता हूँ कि वह समाज की बदलती ज़रूरतों को पहचाने। OBC समाज के साथ पिछले छह साल से आप लगातार धोखा कर रहे हैं, उसे अब OBC वर्ग ने अच्छी तरह समझ लिया है।
पूर्व सीएम ने कहा कि यदि सरकार OBC के 13 प्रतिशत होल्ड पदों पर नियुक्तियां और नई भर्तियों में 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित नहीं करा पाती है तो साफ़ ज़ाहिर हो जाएगा कि भाजपा ने अपना OBC विरोधी षड्यंत्र एक बार फिर चला है। ऐसी स्थिति में हमें बड़े पैमाने पर इसका विरोध करना पड़ेगा क्योंकि OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण हर हाल में लागू कराना हमारा संकल्प है।
जीतू बाेले- धोखा देना बंद करें मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा सरकार पर दोहरे और गुमराह करने वाले रवैये का आराेप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है और उनकी सरकार ओबीसी छात्रों के साथ "धोखे पर धोखा" करती जा रही है। सर्वदलीय बैठक के वादे से मुकरी सरकार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि 28 अगस्त को हुई सर्वदलीय बैठक में उन्होंने स्वयं 13% होल्ड पदों को बहाल करने का आश्वासन दिया था। इस बैठक में कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने इस पर सहमति जताई थी और इन पदों पर तुरंत नियुक्तियां देने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने तब एडवोकेट जनरल के साथ दिल्ली में एक अलग बैठक करके कानूनी पहलुओं पर चर्चा के बाद जल्द निर्णय लेने का वादा किया था।
पटवारी ने पत्र में बताया कि दिल्ली में हुई बैठक का नतीजा बिल्कुल विपरीत रहा। ओबीसी छात्रों और उनके वकीलों की मौजूदगी के बावजूद, सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ने 13% होल्ड पदों को बहाल करने की बात से साफ इनकार कर दिया। उनका पूरा जोर केवल ओबीसी आरक्षण के लिए एक विशेष अधिवक्ता नियुक्त करने पर था। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने इसे मुख्यमंत्री की 'यू-टर्न' लेने की आदत और सत्ता के अहंकार का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह पत्र केवल एक मांग नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश के ओबीसी युवाओं के भविष्य और मुख्यमंत्री द्वारा किए गए वादे की याद दिलाने वाली एक लोकतांत्रिक और संवैधानिक आवाज है। यदि इस आवाज को अनसुना किया गया, तो यह प्रदेश में एक बड़े आंदोलन का आधार बनेगा।