मुगल शासक औरंगजेब पर कुलपति के बयान से बढ़ा विवाद, मंत्री ने दी खुली बहस की चुनौती

Rajasthan News: मोहानलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा द्वारा मुगल शासक औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कुलपति का बयान माओवादी सोच से प्रभावित है और ऐसे आचरण पर उन्हें तत्काल पद से हटा देना चाहिए।
‘पहले भी कुलपति विवादों में घिरे थे’
‘क्या औरंगजेब सचमुच आदर्श प्रशासक था?’
मंत्री खराड़ी ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर औरंगजेब को सबसे अच्छा प्रशासक बताया जा रहा है, तो क्या यह भूल जाना चाहिए कि उसके शासनकाल में धार्मिक कट्टरता, अत्याचार और जबरन धर्मांतरण हुए? उन्होंने कहा – “उसके दौर में एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कुरान थी। या तो कुरान कबूल करो या फिर सिर झुकाओ। क्या यह एक आदर्श प्रशासक का आचरण था?”
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को आदर्श प्रशासक देखना है, तो मेवाड़ के राणा सांगा को देखना चाहिए। “ढाई अक्षर की शिक्षा के बावजूद उन्होंने ऐसा शासन दिया कि मेवाड़ में न्याय और व्यवस्था की मिसाल कायम हुई।”
‘छात्र नाराज, लेकिन कानून हाथ में न लें’
खराड़ी ने माना कि उदयपुर के लोग और छात्र कुलपति के इस बयान से बेहद नाराज हैं। लेकिन उन्होंने अपील की कि कानून हाथ में न लिया जाए। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा और कुलपति के आचरण पर उचित कदम उठाया जाएगा।
‘बहस के लिए सामने आएं कुलपति’
खराड़ी ने कहा कि इतिहास को जानने या पढ़ने पर किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर कुलपति को लगता है कि वे सही हैं, तो उन्हें खुली बहस के लिए सामने आना चाहिए। “अपने तथ्यों को साबित करें, तभी उनके बयान को स्वीकार किया जा सकता है।”
दरअसल, जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी उदयपुर टाउनहॉल में आयोजित नेशनल ट्राइबल फूड फेस्टिवल में शामिल होने पहुंचे थे, जहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिया।