नान घोटाला: पूर्व आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला का सरेंडर टला, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतज़ार

रायपुर, 18 सितंबर।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में मुख्य आरोपी और पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला का आत्मसमर्पण फिलहाल टल गया है। गुरुवार को वे रायपुर स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत में सरेंडर करने पहुंचे थे, लेकिन अदालत ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपलोड न होने का हवाला देते हुए प्रक्रिया रोक दी।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत
गौरतलब है कि नान घोटाले के आरोपियों डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को पहले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल चुकी थी। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। आदेश के अनुसार, दोनों अधिकारियों को पहले दो सप्ताह ईडी की कस्टडी और उसके बाद दो सप्ताह न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें नियमित जमानत मिल सकेगी।
जांच को प्रभावित करने के आरोप
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी माना कि आरोपियों ने वर्ष 2015 से लंबित इस मामले और प्रवर्तन निदेशालय की जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया था। यही कारण है कि अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया।
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