भ्रष्ट अफसरों पर सीएम का तगड़ा एक्शन: भजनलाल शर्मा ने 13 अधिकारियों पर कसी नकेल, पेंशन से लेकर वेतन वृद्धि तक रोकी
Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उनकी सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामलों में कार्रवाई करते हुए उन्होंने राज्य सेवा के 13 अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाए हैं। इसमें कई अधिकारियों की पेंशन और वेतन वृद्धि रोकी गई है। मुख्यमंत्री ने आठ अलग-अलग मामलों का निस्तारण व्यक्तिगत रूप से करते हुए यह संदेश दिया कि सुशासन अब केवल नारा नहीं, बल्कि सख्त अमल का विषय है।
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वेतन वृद्धि रोकी, ईमानदारी को दी प्राथमिकता
सेवारत अधिकारियों में से दो को वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के दंड से दंडित किया गया है। यह कदम स्पष्ट संदेश देता है कि कर्तव्य में लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि ऐसे मामलों की नियमित निगरानी अब हर विभागीय स्तर पर की जाएगी।
सेवानिवृत्त अधिकारी पर कार्रवाई, पारदर्शिता का नया अध्याय
मुख्यमंत्री ने नियम 16 सीसीए और सीसीए नियम-34 के तहत जांच निष्कर्षों को अनुमोदित करते हुए एक सेवानिवृत्त अधिकारी की पेंशन रोकने का दंड मंजूर किया है। वहीं, दो अपील याचिकाओं को खारिज कर पहले से दिए गए दंड को यथावत रखा गया है। यह निर्णय इस बात का संकेत है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी भ्रष्टाचार के मामलों में कठोर कार्रवाई से कोई नहीं बच सकेगा।
सुशासन और जवाबदेही की नई परिभाषा
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई शासन व्यवस्था में ईमानदारी, पारदर्शिता और जिम्मेदारी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से की गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रशासन में जवाबदेही स्थापित करना ही सुशासन की असली पहचान है। उन्होंने दोहराया कि भ्रष्टाचार या लापरवाही करने वालों पर अब लगातार सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
