श्रीनगर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 10 लाख का इनामी आतंकी सज्जाद गुल की 2 करोड़ की संपत्ति कुर्क

Rajasthan News: श्रीनगर पुलिस ने शनिवार को लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वाड और द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के प्रमुख हैंडलर शेख सज्जाद अहमद शेख उर्फ सज्जाद गुल की लगभग 2 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की। 10 लाख रुपये के इनामी आतंकवादी सज्जाद गुल बीते आठ साल से पाकिस्तान में छिपा हुआ है और कश्मीर में अल्पसंख्यकों व अन्य राज्यों के नागरिकों की 30 से अधिक लक्षित हत्याओं में शामिल रहा है।
आतंकी सज्जाद गुल का परिचय और शुरुआती जीवन
हवाला मामले में सज्जाद की गिरफ्तारी और जेल में समय
वर्ष 2002 में सज्जाद गुल को हवाला मामले में गिरफ्तार किया गया था और कुछ समय के लिए जेल में रखा गया। जेल से बाहर आने के बाद उसने थोड़े समय तक सामान्य जीवन बिताया, लेकिन फिर वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गया और वर्ष 2017 में सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए जाली पासपोर्ट से पाकिस्तान भाग गया।
पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा की कमान संभाली
पाकिस्तान पहुंचने के बाद सज्जाद गुल ने लश्कर-ए-तैयबा के इंटरनेट मीडिया के कश्मीर विंग की कमान संभाली और उनके मुखपत्र 'कश्मीर फाइटस' को चलाने लगा। उसने कश्मीर में स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से उन लोगों की पहचान कराई जो संगठन के एजेंडे को विफल करने में लगे थे और उनकी हिटलिस्ट तैयार की। स्थानीय युवाओं की भर्ती में भी उसका अहम योगदान रहा।
टीआरएफ कमान काउंसिल में शामिल
वर्ष 2019 में सज्जाद गुल टीआरएफ की कमान काउंसिल का हिस्सा बन गया। इसके बाद कश्मीर में होने वाली लगभग सभी टार्गेट किलिंग्स में उसका नाम सामने आया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2022 में परिमपोरा पुलिस स्टेशन में यूएपीए और अन्य संबंधित मामलों की जांच के तहत आज उसकी संपत्ति कुर्क की गई।
संपत्ति की जानकारी और मालिकाना हक
कुर्क की गई संपत्ति श्रीनगर के एचएमटी रोज एवेन्यू में स्थित है। इसमें 15 मरला जमीन और तीन मंजिला भवन शामिल है। राजस्व रिकॉर्ड और तहसीलदार सेंट्रल, शाल्टेंग, श्रीनगर से प्राप्त सत्यापन के अनुसार, संपत्ति आतंकी सज्जाद अहमद शेख उर्फ सज्जाद गुल के पिता गुलाम मोहम्मद शेख के नाम पर पंजीकृत है। हालांकि, जांच से पता चला है कि सज्जाद गुल इसका असली मुख्य भागीदार है।
कुर्की की कार्रवाई का महत्व
सज्जाद गुल की संपत्ति कुर्क करने से कश्मीर में आतंकवाद की जांच में नया मोड़ आया है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई आतंकवादियों के वित्तीय नेटवर्क को कमजोर करने में मदद करेगी और भविष्य में ऐसे आतंकी गतिविधियों को रोकने में सहायक होगी।