Uttarakhand News: धारकोट गांव में एक प्रेमी जोड़े की शादी तय होते ही मामला अचानक उलझ गया, जब पता चला कि 19 वर्षीय लड़का नाबालिग है। प्रेम के चलते परिवारों ने रिश्ता पक्का कर दिया था, लेकिन यह जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया और शादी रुकवा दी गई।
सूचना मिलते ही टीम एक्शन में आई
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र के निर्देश पर वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, बाल संरक्षण अधिकारी अरविंद सिंह और चाइल्ड हेल्पलाइन टीम गांव पहुंची। टीम ने लड़की और लड़के दोनों के परिवारों से बात कर बाल विवाह के कानूनी परिणाम समझाए।
कानूनी चेतावनी ने बदला परिवारों का फैसला
टीम ने दोनो पक्षों को साफ बताया कि 21 वर्ष से कम उम्र में लड़के की शादी पूरी तरह गैरकानूनी है। यदि बाल विवाह करवाया गया तो आरोपियों को दो साल की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। इस चेतावनी के बाद दोनों परिवार शादी रोकने पर सहमत हुए।
जनपद में बढ़ रहे बाल विवाह के मामले
वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक ने बताया कि जिले में लगातार बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। प्रशासनिक टीम न सिर्फ ऐसे विवाह रोक रही है बल्कि गांव-गांव जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित कर रही है। जनवरी से अब तक जिले में 23 बाल विवाह रुकवाए जा चुके हैं।