उत्तराखंड में बिजली नहीं होगी महंगी, यूपीसीएल की 674 करोड़ की मांग आयोग ने ठुकराई- Uttarakhand News

Uttarakhand News: उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है। राज्य की बिजली महंगी नहीं होगी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। यूपीसीएल ने 11 अप्रैल को जारी टैरिफ आदेश पर पुनर्विचार की मांग करते हुए 674.77 करोड़ रुपये की कैरिंग कॉस्ट शामिल करने की अपील की थी, जिसे आयोग ने पूरी तरह निराधार ठहराया।
674 करोड़ की कैरिंग कॉस्ट का अनुरोध निराधार
DPS को टैरिफ में शामिल करने का निर्णय
आयोग अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने स्पष्ट किया कि चाहे सरकार हो या उपभोक्ता, नियम सभी के लिए समान हैं। अतः DPS को टैरिफ का हिस्सा माना जाएगा। आयोग ने यह भी बताया कि DPS को टैरिफ में शामिल करने से टैरिफ कम भी होता है, इसलिए यह उपभोक्ताओं के हित में है।
लाइन लॉस को लेकर यूपीसीएल की चुनौती
आयोग ने आगामी तीन साल के बिजनेस प्लान में लाइन लॉस के आंकड़े को लेकर भी यूपीसीएल को चुनौती दी है। यूपीसीएल ने 2025-26 में 13.50 प्रतिशत, 2026-27 में 13.21 प्रतिशत और 2027-28 में 12.95 प्रतिशत लाइन लॉस क्लेम किया था। आयोग ने क्रमशः 12.75 प्रतिशत, 12.25 प्रतिशत और 11.75 प्रतिशत एप्रूव किया। यानी निगम को अगले तीन साल में लाइन लॉस 11.75 प्रतिशत तक लाना होगा।
पिछले वर्षों में लक्ष्य के मुकाबले अधिक नुकसान
आयोग ने यह भी कहा कि पिछले तीन साल में यूपीसीएल का लक्ष्य के मुकाबले नुकसान काफी अधिक रहा। 2021-22 में 13.75 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले 14.70 प्रतिशत, 2022-23 में 13.50 प्रतिशत के मुकाबले 16.39 प्रतिशत और 2023-24 में 13.25 प्रतिशत के मुकाबले 15.63 प्रतिशत नुकसान हुआ।
याचिका में कोई नया तथ्य नहीं, खारिज करना उचित
आयोग ने स्पष्ट किया कि यूपीसीएल की याचिका में कोई नया तथ्य, स्पष्ट गलती या वैध पुनर्विचार का आधार नहीं है। इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को आयोग ने इस याचिका पर जनसुनवाई भी की थी, जिसमें हितधारकों ने इस याचिका का विरोध किया था।