विरासत फेस्ट में किर्गिस्तान के लोक संगीत और यदनेश के वायलन का जादू, दर्शक देर रात तक झूमे

Uttarakhand News: लोक कलाकारों की अद्वितीय प्रस्तुति रीच संस्था के तत्वावधान में आयोजित 15 दिवसीय 30वें विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल के सातवें दिन किर्गिस्तान के लोक कलाकारों ने अपने पारंपरिक सुरों और संगीत से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनके प्रदर्शन में अपने देश की सांस्कृतिक विरासत और संगीत कला का अनोखा संगम देखने को मिला।
यदनेश रायकर के सुरों का असर

अंतरराष्ट्रीय मंच पर श्रीलंकाई कलाकार
श्रीलंका के लोक गायक कलाकारों ने फाक साईलोनिया जैसी दुर्लभ प्रस्तुति देकर महोत्सव में विशेष रंग भर दिया। यह गीत और संगीत दर्शकों को एक अलग सांस्कृतिक यात्रा पर ले गया, जिससे विरासत फेस्ट का उद्देश्य—विश्व कला और संस्कृति का संगम—पूर्ण रूप से साकार हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत और लोक गीतों का रंग
कौलागढ़ स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेडियम में शुक्रवार शाम कार्यक्रम की शुरुआत किर्गिस्तान के कलाकारों ने की। उन्होंने अपने देश के पारंपरिक संगीत के साथ हिंदुस्तानी गीत गोरों की न कालों की, ये दुनिया है दिलवालों की प्रस्तुत किया, जिस पर श्रोता झूम उठे।
आज के मुख्य कार्यक्रम
विरासत फेस्ट में आज हेरिटेज क्विज सुबह 10 बजे आयोजित होगा। लोक थिएटर चक्रव्यूह दोपहर एक बजे मंचित होगा। शाम सात बजे प्रभाकर दिवाकर कश्यप अपनी प्रस्तुति देंगे, जबकि रात आठ बजे डॉ. एन राजम का वायलन वादन होगा। रात नौ बजे मुशायरा में पद्मश्री फरहत एहसास, मदन मोहन दानिश, शाइन काफ निजाम, शकील आजमी, नुसरत मेहंदी और रश्मि सबा शिरकत करेंगे।