ब्रेन स्ट्रोक: जानलेवा खतरा, लक्षण पहचानें और मस्तिष्क की सुरक्षा के आसान उपाय

मस्तिष्क शरीर का सबसे जरूरी हिस्सा होता है, जो पूरे शरीर को दिशा-निर्देश देता है, लेकिन मस्तिष्क में होने वाली परेशानियां आपात स्थिति का संकेत देती हैं। आजकल की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत में 2025 के आंकड़ों पर नजर घुमाएं तो हर 20 मिनट में ब्रेन स्ट्रोक का एक मामला दर्ज किया जा रहा है और साल भर में 18 लाख से ज्यादा नए ब्रेन स्ट्रोक के मामले आते हैं। ऐसे में इस बीमारी के बारे में जानना और परिस्थिति से निपटने के उपाय जानना बहुत जरूरी है।

ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है जिसमें मस्तिष्क की नसों में खून का प्रवाह कम हो जाता है या कोई धमनी फट जाती है और मस्तिष्क में खून जमने लगता है, जिससे मस्तिष्क तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और मस्तिष्क कोशिकाएं धीरे-धीरे मरने लगती हैं। इस स्थिति में इंसान के लिए हर एक सेकेंड जरूरी होता है। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण भी गंभीर होते हैं, जिसमें शरीर ढीला पड़ जाता है, चेहरा टेढ़ा हो जाता है और बोलने में परेशानी होती है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ब्रेन स्ट्रोक में दो तरह के मामले देखे जाते हैं: पहला इस्कीमिक स्ट्रोक और दूसरा हेमरेजिक स्ट्रोक।
इस्कीमिक स्ट्रोक में रक्त का धक्का धमनी को प्रभावित करता है जिससे धमनी तक ऑक्सीजन सही तरीके से नहीं पहुंचती। ये स्थिति जानलेवा नहीं होती है और डॉक्टर के उपचार से इसका निदान हो सकता है, लेकिन हेमरेजिक स्ट्रोक जानलेवा होता है, जिसमें थोड़ी ही सी देरी भी किसी की जान ले सकती है। इसमें सिर की धमनी फट जाती है और मस्तिष्क में खून फैल जाता है। ऐसे समय में तुरंत डॉक्टर के उपचार की जरूरत पड़ती है। ऐसी स्थिति में अपने मस्तिष्क का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है और इस बीमारी से बचने के लिए भी पहले से उपचार किए जा सकते हैं।
योग और प्राणायाम से मस्तिष्क को शांत बनाए रखा जा सकता है। इसके लिए रोजाना सेतु बंधासन, सर्वांगासन, भ्रामरी प्राणायाम, पश्चिमोत्तानासन और हलासन करना चाहिए। इससे मस्तिष्क में रक्त संचार अच्छे से होता है और ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में मिलती है। सूखे मेवे का सेवन करना भी अच्छा रहेगा। मस्तिष्क के लिए ओमेगा-3 सबसे जरूरी होता है और ऐसे में अखरोट और असली के बीज सबसे ज्यादा कारगर होते हैं। दोनों में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 और फैटी एसिड होते हैं, जो याददाश्त को बढ़ाते हैं। इसके अलावा अदरक और लहसुन का सेवन करना भी अच्छा रहता है। अदरक और लहसुन खून को पतला करने का काम करते हैं और धक्के जमने की संभावना कम होती है। सिर की मालिश करके भी मस्तिष्क को शांत किया जा सकता है। तिल और नारियल के तेल से सिर और गर्दन की मालिश करने से रक्त संचार अच्छा रहेगा और धमनियां अच्छे से काम करेंगी।
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