वैश्विक संकेतों और कमजोर डॉलर के बीच सोना-चांदी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे



भारत में बढ़ती कीमतों के बावजूद सोने की मांग मजबूत बनी हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि ग्राहक कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका से और अधिक सोना खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा, "नए संकेतों के अभाव और अमेरिकी राजकोषीय स्थिति को लेकर लगातार चिंताओं ने सुरक्षित निवेश की मांग को मजबूत किया है, जिससे सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है।।" उन्होंने आगे कहा, "ट्रेडर्स सरकार के फिर से खुलने के किसी भी संकेत पर कड़ी नजर रख रहे हैं, इसलिए निकट भविष्य में सोने के दामों में तेजी बनी रहने की संभावना है।"
विशेषज्ञों का कहना है कि समर्थन स्तर 1,26,000-1,24,500 रुपए पर बना हुआ है, जबकि प्रतिरोध स्तर 1,29,000-1,30,000 रुपए के आसपास है। इस वर्ष अब तक घरेलू सोने की कीमतों में 65 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जिसे वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं, केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी, अमेरिका में कम ब्याज दरों की उम्मीदों और सोने पर आधारित एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में मजबूत निवेश का समर्थन मिला है।