मुजफ्फरनगर में मावा व्यापारी बगावत पर! प्रशासन पर मनमानी के आरोप



आढ़तियों ने एडीएम को ज्ञापन सौंपकर कहा कि खाद्य सुरक्षा नियमों के अनुसार जब मावे के सैंपल में कोई हानिकारक तत्व नहीं मिला तो उसे नष्ट करने का निर्णय अनुचित है। जांच रिपोर्ट में दूध के वसा की मात्रा सामान्य सीमा 30 प्रतिशत के मुकाबले 27.8 प्रतिशत पाई गई, जो स्वीकार्य सीमा के भीतर है। इसके बावजूद मावा नष्ट करने की प्रशासनिक जिद ने व्यापारियों में गहरी नाराज़गी पैदा कर दी है।
एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि यह विवाद त्योहार के मौसम में मावा बाजार को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसोसिएशन ने व्यापारी नेता कृष्ण गोपाल मित्तल पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि कृष्ण गोपाल मित्तल बिना लाइसेंस 36 प्रतिशत मासिक ब्याज पर कर्ज देकर आढ़तियों का आर्थिक शोषण करते हैं। आरोप है कि कर्ज चुकाने के बाद भी वे प्रशासन पर दबाव बनाकर व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं। एसोसिएशन ने उनके साहूकारी लाइसेंस और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच की मांग की।
व्यापारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे मिलावटखोरी जैसे अवैध कार्यों से दूर हैं और समाज में ईमानदारी से व्यापार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते, भगवान की अदालत सब देख रही है।”
प्रेस वार्ता में सुनील सिंघल, दिनेश बंसल, अनिल तायल, पवन तायल, रविंद्र कुमार, राजेश मित्तल, सचिन मित्तल, मुकेश तायल, नितिन गुप्ता, मांगेराम सिंघल, राजकुमार सिंघल, हरिश सिंघल, राकेश गर्ग, प्रवीन पीटर, परवीन गोयल, अनुज, जयपाल सिंह, श्याम कुमार गर्ग, पूरण तायल, मानू तायल, राकेश लाल, संजीव तायल, मुकेश जैन और मोनू तायल सहित कई प्रमुख व्यापारी उपस्थित रहे। एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से नाहक उत्पीड़न बंद करने और व्यापारिक सम्मान की रक्षा की मांग की।