कचहरी में भाकियू सुप्रीमों का दहाड़: "मुख्यमंत्री ने गीदड़ों से दोस्ती कर ली, असली शेर तो हम हैं"



पंचायत को संबोधित करते हुए भाकियू पदाधिकारियों ने बिजली, चकबंदी और विभिन्न सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर आक्रोश व्यक्त किया। भाकियू सुप्रीमों चौधरी नरेश टिकैत ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने "गीदड़ों से दोस्ती" कर ली है। टिकैत ने तल्ख लहजे में कहा कि "अगर दोस्ती करनी थी तो शेर से कर लेते, असली तो हम ही हैं।" उन्होंने संगठन से अलग हुए लोगों को वापस आने की सलाह दी।
गन्ने के दाम और भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दे
चौधरी नरेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसानों के मुद्दे गन्ने के दाम, बिजली की समस्या, चकबंदी और स्मार्ट मीटर से जुड़ी धांधलेबाज़ी हैं। उन्होंने बताया कि लगभग पचास अलग-अलग मुद्दे हैं जिन पर प्रशासन में धांधलेबाजी हो रही है।
सरकार पर अविश्वास और आंदोलन की आशंका
सरकार पर अविश्वास जताते हुए टिकैत ने कहा कि किसान बचते तो हैं, लेकिन सरकार का कोई यकीन नहीं। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि सरकार जनता को यूं ही थोड़ा ही खपवा देगी। जब उनसे आंदोलन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि "आशंका तो यह है कि आंदोलन वाले को जेल में एक आदमी को इंजेक्शन लगा देंगे तो वह तड़प-तड़प कर मर जाएगा।"
गीदड़ कौन?
मुख्यमंत्री को 'गीदड़ों से दोस्ती' वाले बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि जो लोग संगठन से अलग हुए हैं, वे उल्टी-सीधी बातें मुख्यमंत्री को पढ़ाते हैं और किसान हित के खिलाफत करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि "जो किसान हित से अलग बात करता है, वह गीदड़ है।"
गन्ने का लागत मूल्य
गन्ने के लागत मूल्य पर बात करते हुए भाकियू सुप्रीमों ने बताया कि गन्ना पैदा करने में ₹500 का खर्च आ रहा है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे नहीं चाहते कि एकदम से इतना भाव बढ़े। भाकियू इस मासिक पंचायत के माध्यम से किसानों की इन गंभीर समस्याओं पर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है।