मुजफ्फरनगर: मंसूरपुर डिस्टलरी मालिक की कोठी पर कर्मचारियों का धरना: डेढ़ साल से नहीं मिला वेतन



धरने पर बैठे कर्मचारियों को समर्थन देने पहुँचे भाजपा नेता चंद्रवीर फौजी ने रॉयल बुलेटिन को इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंसूरपुर डिस्टलरी में दो महीने से अधिक समय से धरना दिया जा रहा था। फौजी ने आरोप लगाया कि डिस्टलरी मालिक मजदूरों और कर्मचारियों को नज़रअंदाज़ करके फैक्ट्री में ताला लगाकर दिल्ली चले गए।
भाजपा नेता के अनुसार, फैक्ट्री के मालिकों ने दीपावली से पहले वेतन का भुगतान करने का वादा किया था। उन्होंने वादा किया था कि लगभग डेढ़ साल की बकाया सैलरी देने के बाद दोबारा डिस्टलरी प्लांट को शुरू किया जाएगा। "न तो प्लांट चला और न ही डेढ़ साल की सैलरी दी गई," फौजी ने कहा।
मालिक कोठी में छिपे, धरने पर बैठे 150 मजदूर
चंद्रवीर फौजी ने बताया कि आज धरने पर बैठे वर्करों को पता चला कि मालिक (लाला जी) मुजफ्फरनगर के जानसठ रोड स्थित अपनी कोठी पर आए हुए हैं। उन्होंने मालिक के नाम आदर्श स्वरूप गोयल और स्वरूप गोयल बताए। उन्होंने यह भी बताया कि कंबोज नामक व्यक्ति जो फैक्ट्री का सारा काम देखता है, वह भी वहीं मौजूद है।
फौजी ने आरोप लगाया कि ये सभी मालिक वर्करों से छुपकर फिरते हैं। उन्होंने कहा कि आज यहाँ 100 से 150 मजदूर धरने पर बैठे हैं, लेकिन "लाला जी ने अंदर जाकर दरवाजे बंद कर लिए।"
दीपावली से ठीक दो दिन पहले भी मजदूरों को एक रुपया भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे उनमें गहरा आक्रोश है। भाजपा नेता ने शासन और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इन मजदूरों का बकाया पैसा तुरंत दिलाया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि जो मालिक 100-100 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी पर बैठे हैं, उनकी संपत्ति जब्त कर मजदूरों का पैसा दिलवाया जाए।