पाकिस्तानी आर्मी कैंप पर आत्मघाती हमला: TTP ने ली जिम्मेदारी, 7 सैनिकों की मौत



हमलावरों ने विस्फोटकों से लदी एक गाड़ी को आर्मी कैंप की दीवार से टकरा दिया। इस धमाके में गाड़ी चला रहा आत्मघाती हमलावर भी मारा गया। इसके तुरंत बाद, तीन अन्य उग्रवादियों ने कैंप के अंदर घुसने की कोशिश की, जिन्हें सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में मार गिराया गया।
इस घटना के बाद पाकिस्तानी सेना ने सुरक्षा के मद्देनजर मीर अली क्षेत्र में हमलावर हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, यह हाल के महीनों में उत्तर वजीरिस्तान में हुए सबसे बड़े हमलों में से एक है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है। TTP ने दावा किया है कि उनके खालिद बिन वलीद आत्मघाती दस्ते और तहरीक तालिबान गुलबहार ने मिलकर इस हमले को अंजाम दिया है।
पाकिस्तान के गृहमंत्री का बयान
पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने उग्रवादियों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों की बहादुरी की तारीफ की। उन्होंने कहा, "हमारे बहादुर जवानों को सलाम, जिन्होंने ख्वारिज (आतंकियों) की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया। पूरी कौम को अपने वीर सैनिकों पर गर्व है।"
TTP: पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा
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उत्पत्ति: TTP का गठन 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद द्वारा 13 विद्रोही गुटों को मिलाकर किया गया था। इसका कारण 2001 में अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान पर हमला करने के पाकिस्तान के समर्थन से उपजा गुस्सा था।
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गुरिल्ला युद्ध: 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से TTP ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ रखा है।
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सीमा विवाद: पाकिस्तान लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि TTP के लड़ाके सीमा पार अफगानिस्तान से ट्रेनिंग लेकर पाकिस्तान में हमला करते हैं, हालांकि अफगान सरकार इन आरोपों से इनकार करती है।
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बढ़ते हमले: पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज के अनुसार, देश में आतंकवादी हमले 2015 के बाद सबसे अधिक हो गए हैं, जिसका मुख्य कारण TTP है।
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ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (GTI) में पाकिस्तान
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट के अनुसार:
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पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आतंक प्रभावित देश बन गया है, जबकि 2024 में यह चौथे स्थान पर था।
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आतंकी हमलों में TTP के हमलों में 90% और बलूच आर्मी (BLA) के हमलों में 60% की वृद्धि हुई है।
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खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं, जहाँ देश की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% घटित हुईं।
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TTP लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बना हुआ है।