कैराना सांसद इकरा हसन का छलका दर्द: 'मुझे मुल्ली और आतंकवादी कहा गया, मंदिर टूटने पर हुई भावुक
.jpg)
सहारनपुर/शामली। कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद इकरा हसन ने बुधवार को सहारनपुर जिले के नकुड़ क्षेत्र के छापुर गांव में समर्थकों के बीच अपनी आपबीती सुनाते हुए भावुक हो गईं। हाल ही में इस गांव में एक मंदिर खंडित करने की घटना के बाद तनाव का माहौल बना हुआ था, जिसके बाद इकरा हसन क्षेत्र में शांति और सद्भाव की अपील करने पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि इस इलाके में अगर समाज में महापुरुष थे तो बाबू हुकुम सिंह थे।

अपमानजनक टिप्पणी पर व्यक्त किया दर्द
जनसभा को संबोधित करते हुए इकरा हसन ने दावा किया कि उनके चरित्र और उनके परिवार पर व्यक्तिगत हमले किए गए हैं। उन्होंने कहा:
"मुझे 'मुल्ली' कहा गया और 'आतंकवादी' कहा गया। मेरे बाप तक को गालियाँ दी गईं। मैं पूछती हूँ कि मेरा कसूर क्या है? मेरा धर्म और मेरी जिम्मेदारी मुझे सबको साथ लेकर चलना सिखाते हैं।"
इकरा हसन ने स्पष्ट किया कि उन्हें इन गालियों से व्यक्तिगत रूप से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह टिप्पणी सिर्फ उन्हें नहीं, बल्कि पूरे इलाके की हर बेटी और महिला के अपमान के समान है।
निशाने पर पूर्व भाजपा सांसद
सांसद इकरा हसन ने इस टिप्पणी के लिए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद प्रदीप कुमार को इशारों-इशारों में निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि उनके एक नजदीकी समर्थक ने ये अपमानजनक शब्द कहे हैं, और उन्होंने सवाल किया कि क्या पूर्व सांसद इसका खंडन करेंगे।
उन्होंने नफरत की राजनीति करने वालों पर हमला बोलते हुए कहा:
"एक तरफ ये सरकार बहन-बेटियों को सम्मान देने की बात करती है और दूसरी तरफ गालियां दिलवाई जाती है। क्या मैं आपके समाज की बेटी नहीं हूँ?"
मंदिर तोड़े जाने पर जताया दुख
इकरा हसन ने छापुर गांव में शिव मंदिर खंडित किए जाने की घटना को बेहद निंदनीय बताया और कहा कि उन्हें इससे गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि मंदिर हो या मस्जिद, किसी भी धर्मस्थल या आस्था पर चोट पहुंचाना किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे समाज को तोड़ने की साजिश को समझें और संयम से काम लें।
प्रशासनिक कार्रवाई का आश्वासन
सांसद ने खुलासा किया कि उन्हें प्रशासन की ओर से छापुर न जाने के लिए फोन भी आया था, लेकिन उन्होंने कहा कि यह उनका इलाका है और वह समाज की बात करने आई हैं, राजनीति करने नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि उन पर की गई टिप्पणी (गाली-गलौज) के मामले में खुद पुलिस कप्तान ने उन्हें फोन करके तहरीर मांगी थी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह दबकर राजनीति नहीं करेंगी और समाज को तोड़ने की कोशिश करने वालों को छोड़ेंगी नहीं।
संबंधित खबरें
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !