सीएम डैशबोर्ड रैंकिंग में मेरठ फिसला, डीएम ने अधिकारियों को लगाई फटकार

मेरठ। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की मासिक रैंकिंग में मेरठ जिला 62 वें स्थान पर है। जबकि उससे पहले मेरठ जिला 57 वें स्थान पर रहा था। यानी मेरठ की रैंकिंग पिछले माह के मुकाबले इस बार 5 अंक नीचे गिर गई है। इस पर डीएम डॉ. वीके सिंह ने नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को सुधार लगाने का कड़ा निर्देश दिया है।

विकास और राजस्व से जुड़े 80 से अधिक पैरामीटर पर रिपोर्ट तय की जाती है। जिसमें मेरठ की ओवरऑल रैंक इस बार 62 वीं रही है। मेरठ विकास कार्यों के मामले में 43 वें स्थान पर है। जबकि राजस्व के मामले में 62 वें स्थान पर है। रैंकिंग गिरने पर डीएम डॉ. वीके सिंह ने नाराजगी जताई है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्त लहजे में पत्र लिखकर चेतावनी जारी की है। डीएम ने फिसड्डी विभागाध्यक्षों को कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जिले को 1,363 करोड़ रुपये के वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले अब तक 561 करोड़ रुपये ही प्राप्ति हुए हैं। आबकारी विभाग की रिपोर्ट में मेरठ का प्रदर्शन शर्मनाक है। इस कारण जिले को दस में से सिर्फ एक अंक मिला और राज्य के 75 जिलों में 72 वां स्थान आया। लगातार दूसरे महीने यह विभाग जिले के कमजोर बिंदुओं में शामिल रहा है।
औद्योगिक विकास विभाग के अनुसार मेरठ में अब तक 8,677 करोड़ रुपये के एमओयू तैयार किए गए, इनमें से 86 प्रतिशत परियोजना वाणिज्यिक उत्पादन में पहुंच चुकी हैं। इसमें दस में से आठ अंक मिले है। औद्योगिक दृष्टि से राज्य के शीर्ष 20 जिलों में शामिल किया गया। समग्र विकास रैंकिंग में यह जिला 43 वें नंबर पर ही सिमट सका।
आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की “राइट ऑफ वे” योजना में मेरठ ने 100 प्रतिशत आवेदन निस्तारण कर पहला स्थान हासिल किया। वहीं “डिजिशक्ति” अभियान में छात्रों को टैब और स्मार्टफोन वितरण का प्रतिशत 96.6 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
आवास विभाग की ऑनलाइन हांतरणीय प्रबंधन प्रणाली, लो और हाई रिस्क भवनों के मानचित्र अनुमोदन व शमन मानचित्र स्वीकृति में मेरठ ने शत-प्रतिशत सफलता हासिल की। उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत पेट्रोल पंप सत्यापन व मुद्रांकन में भी मेरठ 100 प्रतिशत प्रदर्शन के साथ राज्य के अग्रणी जिलों में रहा।
इसी तरह कृषि क्षेत्र में सुधार की आसार कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मेरठ की मंडी शुल्क वसूली 101.94 प्रतिशत रही, जबकि मंडी आवक 117.42 प्रतिशत दर्ज की गई। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना में सभी आवेदन समय पर निस्तारित किए गए, जिसके लिए जिले को दस में से दस अंक मिले।
ई-गवर्नेंस, डिजिटलीकरण, भवन स्वीकृति जैसी तकनीकी योजना में मेरठ ने राज्य स्तर पर उत्कृष्टता दिखाई है। लेकिन राजस्व और आबकारी लक्ष्यों की धीमी प्रगति ने जिले की कुल रैंकिंग पर असर डाला। सितंबर माह में मेरठ की कुल रेटिंग 8.70 अंक रही, जो औसत से नीचे है। जबकि शीर्ष पर हमीरपुर (9.32 अंक) और सबसे नीचे प्रयागराज (8.35 अंक) रहा।