प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर जिले के ग्राम रामपुर (तहसील सदर) से जुड़े एक भूमि विवाद मामले में अपने आदेश की अवहेलना पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले में एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल सहित कुल 10 व्यक्तियों को अवमानना नोटिस (Contempt Notice) जारी किया है।
न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की एकलपीठ ने परविंदर कुमार व अन्य बनाम राज्य सरकार अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि सभी संबंधित अधिकारी 19 नवंबर 2025 को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हों।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता परविंदर कुमार, सुचेता देवी और विक्रांत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि ग्राम रामपुर, परगना पुरछपार, तहसील सदर (मुजफ्फरनगर) स्थित गाटा संख्या 891 की भूमि को लेकर कोर्ट ने 27 अगस्त 2025 को आदेश जारी किया था।
लेकिन, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने उस आदेश का पालन नहीं किया।
याचियों का आरोप है कि:
• उन्हें भूमि पर कब्ज़ा लेने से रोका गया,
• और कुछ व्यक्तियों (नवनीत व अन्य) ने अवैध अतिक्रमण बनाए रखा।
• जब वे पुलिस बल के साथ आदेश का अनुपालन कराने गए, तब भी विरोध किया गया और कोर्ट का आदेश निष्प्रभावी कर दिया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता अमित गुप्ता ने याचियों की ओर से पैरवी करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश की जानकारी प्रशासन को दी गई थी, लेकिन उन्होंने सहयोग करने के बजाय अवहेलना की।
इस पर कोर्ट ने:
• प्रवीण कुमार द्विवेदी (एसडीएम सदर)
• राधेश्याम गौर (तहसीलदार सदर)
• अमित कुमार (नायब तहसीलदार)
• धर्मेंद्र शर्मा (लेखपाल)
• विकास पुत्र सुरेंद्र
सहित कुल 10 प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने कहा कि ये सभी बताएँ कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए।
हालाँकि, प्रतिवादी संख्या 5 से 9 को फिलहाल नोटिस जारी नहीं किया गया है।
अगली सुनवाई की तारीख
कोर्ट ने याची पक्ष को निर्देश दिया है कि वह इस याचिका की प्रति एक सप्ताह में अवमानना अनुभाग को उपलब्ध कराए।
मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर 2025 को होगी।