आगरा में दामाद की हत्या: बार अध्यक्ष को 7 साल, बेटी और बेटे को उम्रकैद

आगरा। ताजगंज की रामरघु एग्जॉटिका कॉलोनी में बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की हत्या के मामले में एडीजे-17 नितिन ठाकुर की अदालत ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने सचिन की पत्नी प्रियंका उर्फ मोना और उसके भाई कृष्णा रावत को हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और मृतक के ससुर बिजेंद्र रावत को सात साल की सजा दी गई है।

सचिन उपाध्याय की शादी 2015 में बिजेंद्र रावत की बेटी प्रियंका से हुई थी। शादी के बाद दोनों गुजरात में रहते थे, लेकिन वैवाहिक जीवन में विवाद के चलते सचिन वापस आगरा आ गया और शमसाबाद की बैंक शाखा में कार्यरत हो गया। 2020 में दोनों रामरघु एग्जॉटिका में रहने लगे।
सितंबर 2023 में सचिन ने अपने भाई के नाम से पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया, जिससे विवाद और बढ़ गया। 11 अक्तूबर की रात को सचिन घर लौटे थे, जहां प्रियंका और कृष्णा रावत ने झगड़ा किया। इसके बाद सचिन की हत्या कर दी गई।
हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश
12 अक्तूबर को बिजेंद्र रावत ने मृतक के परिजनों को फोन कर सचिन की "आत्महत्या" की सूचना दी। लेकिन जब परिजन मौके पर पहुंचे तो उन्हें शरीर पर चोट के निशान और जलने के हल्के संकेत मिले। पिता केशव देव शर्मा ने ताजगंज थाने में बहू, ससुर और साले पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। रिपोर्ट की वीडियोग्राफी कराई गई थी। मामले में 25 से अधिक गवाहों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई थी।
जांच में कई अहम तथ्य आए सामने
पुलिस जांच में सामने आया कि प्रियंका को पति का अपने परिवार से मिलना पसंद नहीं था। घटना वाले दिन सचिन अपने गांव गया था और वहां से लौटते ही झगड़ा हुआ। झगड़े के बाद प्रियंका ने अपने भाई को बुला लिया और दोनों ने मिलकर सचिन की हत्या की। इसके बाद प्रेस और अन्य सामान से साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई।
कार्रवाई का क्रम
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12 अक्टूबर 2023: सचिन की मौत की सूचना मिली।
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18 अक्टूबर 2023: परिजनों की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज।
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20 अक्टूबर: कृष्णा रावत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
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29 अक्टूबर: प्रियंका और बिजेंद्र प्रयागराज से गिरफ्तार किए गए।
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जनवरी 2024: चार्जशीट दाखिल।
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अक्टूबर 2025: कोर्ट का फैसला आया।
डिजिटल और वैज्ञानिक सबूतों ने दिलाई सजा
पुलिस को मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल्स और घटनास्थल से मिले इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से पुष्टि हुई कि कृष्णा रावत घटना के समय घर पर मौजूद था। पोस्टमार्टम में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई।
पिता का आरोप और अफसोस
सचिन के पिता केशव देव शर्मा ने कहा कि बेटे की हत्या 11 अक्टूबर को ही कर दी गई थी, लेकिन सूचना अगले दिन दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजेंद्र रावत ने रात में ही डीएम से शव का पोस्टमार्टम कराने का दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि बेटे की हत्या घरेलू कलह के कारण हुई, जिसमें पूरा परिवार बर्बाद हो गया।