"मैं मुर्गी-बकरी चोर हूं, शहर लूटने वालों को कमांडो मिले हुए हैं": आजम खान ने ठुकराई वाई श्रेणी की सुरक्षा

रामपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने उन्हें दिए जाने की खबर आई वाई श्रेणी की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है। 23 महीने बाद जेल से बाहर निकले आजम खान ने सुरक्षा को लेकर तंज कसते हुए कहा कि वह तो "मुर्गी और बकरी चोर" हैं और इन सुरक्षाकर्मियों का खर्च वहन नहीं कर सकते। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों की पहचान पर भी संदेह व्यक्त किया और कहा कि उनके पास इस संबंध में कोई लिखित जानकारी नहीं है।
सुरक्षा ठुकराने के पीछे दिए तर्क

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'मुर्गी-बकरी चोर' का तंज: उन्होंने कहा, "मैं तो मुर्गी-बकरी चोर हूं। मुझे कैसे सुरक्षा दी जा सकती है।"
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खर्च वहन करने में असमर्थता: उन्होंने कहा कि वह सुरक्षाकर्मियों के रखरखाव और उन्हें लाने-ले जाने का खर्च वहन नहीं कर सकते, क्योंकि उनके "माली हालात ऐसे नहीं" हैं।
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दस्तावेज का अभाव: आजम खान ने दावा किया कि उन्हें न तो शासन की ओर से और न ही सुरक्षा देने वालों की ओर से सुरक्षा दिए जाने की कोई लिखित तहरीर मिली है।
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वाहन की कमी: उन्होंने कहा कि वाई श्रेणी सुरक्षा में गाड़ी और तेल सुरक्षा देने वाले को मुहैया कराना होता है, लेकिन उन्हें वह नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि "हमें आए दिन दिल्ली जाना होता है, इलाज के लिए तो कैसे जाएंगे ये लोग?"
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भरोसे पर सवाल: उन्होंने कहा, "मैं कैसे भरोसा कर लूं कि ये वर्दी पहने हथियारबंद लोग पुलिस के ही हैं?"
विरोधियों पर तंज और कमांडो सुरक्षा की मांग
आजम खान ने अपने सियासी विरोधी, रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना का नाम लिए बगैर तंज कसा। उन्होंने कहा कि "शहर लूटने वालों को भारत सरकार के कमांडो मिले हुए हैं।"
उन्होंने सरकार से कहा कि अगर उन्हें उनकी इतनी ही फिक्र है तो "हमारी सुरक्षा भी ऐसे ही दी जाए जितनी हमारे विरोधियों पर है।" उन्होंने कहा कि उनके विरोधियों को केंद्र सरकार की तरफ से कमांडो मिले हुए हैं।
सुरक्षा वापसी और बहाली का घटनाक्रम
गौरतलब है कि सपा नेता आजम खान को पहले भी वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी, लेकिन कोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई थी, जिसके चलते उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी। बाद में उनकी सुरक्षा बहाल भी की गई, लेकिन उनके सीतापुर जेल जाने के बाद इसे वापस बुला लिया गया था। अब 23 माह बाद जमानत पर बाहर आने के बाद उन्हें सुरक्षा वापस दिए जाने की खबर आई है, जिसे उन्होंने लिखित जानकारी और वाहन व्यवस्था के अभाव में ठुकरा दिया है।
आजम खान ने यह भी कहा कि "मुर्गी चोरी के मामले में वो सजायाफ्ता हैं और सजायाफ्ता को सुरक्षा देकर कब वापस ले ली जाए, इसका भरोसा नहीं है।"
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