रामपुर के सपा सांसद को हाईकोर्ट का आदेश, चौथी पत्नी को देना होगा हर महीने ₹ 30,000 गुजारा भत्ता
मध्यस्थता के लिए दिया 3 महीने का समय, कहा- तीन महीने में झगड़ा सुलझाएं, वरना चलेगा मुकदमा !

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर से सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को अपनी चौथी पत्नी रुमाना नदवी को अंतरिम गुजारा-भत्ता (भरण-पोषण) देने का आदेश दिया है। जस्टिस जेजे मुनीर की कोर्ट ने नदवी को अपनी पत्नी को हर महीने 30,000 रुपये देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपने वैवाहिक विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए हाईकोर्ट के मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र (Mediation and Conciliation Centre) भेज दिया है और इसके लिए तीन महीने का समय दिया है।

क्या है मामला?
सांसद मोहिबुल्लाह नदवी की पत्नी रुमाना नदवी ने उनके खिलाफ भरण-पोषण का दावा दायर किया था। रुमाना ने बताया कि उनकी शादी 22 अक्टूबर, 2012 को मोहिबुल्लाह से हुई थी। शादी के बाद उन्हें पता चला कि नदवी की पहले से तीन शादियां हो चुकी थीं। उनकी पहली पत्नी का निधन कैंसर से हो गया था, जिनसे उन्हें दो बेटियां हैं। रुमाना नदवी उनकी चौथी पत्नी थीं, और वर्तमान में मोहिबुल्लाह अब अपनी पांचवीं पत्नी के साथ रहते हैं। रुमाना नदवी ने 2020 में मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ आगरा के सदर बाजार थाने में सीआरपीसी की धारा 127 के तहत केस दर्ज कराया था।
सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने आगरा फैमिली कोर्ट द्वारा पत्नी के पक्ष में दिए गए भरण-पोषण के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
मध्यस्थता केंद्र भेजने पर सहमति
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मोहिबुल्लाह नदवी की ओर से पेश हुए वकील नरेंद्र कुमार पांडे ने दलील दी कि यह मामला वैवाहिक विवाद से जुड़ा है और उनका मुवक्किल इसे आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहता है। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि मामला मध्यस्थता केंद्र को भेजा जाए।
सांसद की ओर से यह भी पेशकश की गई कि वह अपनी ईमानदारी दिखाते हुए मध्यस्थता केंद्र में पहली पेशी के दिन ही अपनी पत्नी को 50,000 रुपये देने को तैयार हैं।
कोर्ट का अंतरिम आदेश
कोर्ट ने पारिवारिक विवादों को बातचीत से सुलझाने की पूरी संभावना को देखते हुए मामले को मध्यस्थता केंद्र भेजने का आदेश दिया। साथ ही अंतरिम रूप से निम्नलिखित निर्देश दिए:
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गुजारा भत्ता: मोहिबुल्लाह नदवी को अपनी पत्नी रुमाना नदवी को हर महीने 30,000 रुपये की मौजूदा भरण-पोषण राशि का भुगतान करना होगा, जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता।
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जमा राशि: मोहिबुल्लाह नदवी 30 दिनों के भीतर 55,000 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट मध्यस्थता केंद्र में जमा करेंगे।
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इसमें से 50,000 रुपये पत्नी को उनकी पहली उपस्थिति पर दिए जाएंगे (जिसमें 30,000 रुपये पिछली बकाया राशि के रूप में समायोजित किए जाएंगे)।
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5,000 रुपये मध्यस्थता केंद्र के पास जमा रहेंगे।
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बकाया राशि: याचिका दाखिल करने की तारीख से लेकर इस आदेश की तारीख तक की बकाया राशि की वसूली पर फिलहाल रोक रहेगी।
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मध्यस्थता की समय सीमा: कोर्ट ने मध्यस्थ को विवाद सुलझाने के लिए तीन महीने का समय दिया है।
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विफलता पर: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि सांसद निर्धारित राशि जमा करने या मासिक भरण-पोषण का भुगतान करने में असफल रहते हैं, या यदि मध्यस्थता विफल हो जाती है, तो यह अंतरिम आदेश स्वतः निरस्त हो जाएगा और मुकदमा आगे चलेगा।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला वर्तमान बेंच के समक्ष लंबित नहीं रहेगा और इसे आंशिक रूप से भी सुना हुआ नहीं माना जाएगा।
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