योगी सरकार का तोहफा: दिवाली से पहले महिलाओं को मिलेगा निःशुल्क सिलेंडर का उपहार, 1.23 करोड़ लाभार्थियों को मिलेगा लाभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने त्योहारों के मद्देनज़र राज्य की महिलाओं को बड़ी सौगात देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लाभार्थियों को दो निःशुल्क एलपीजी सिलेंडर रिफिल प्रदान किए जाएंगे।

1.86 करोड़ परिवारों को मिला है उज्ज्वला कनेक्शन
यह योजना उन वंचित परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से शुरू की गई है जो पारंपरिक ईंधन (लकड़ी, कोयला) का उपयोग करते थे। 2016 में शुरू हुई इस योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश एक अग्रणी राज्य रहा है, जहां अब तक 1.86 करोड़ परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। यह पहल ग्रामीण भारत की रसोई को धुएं से मुक्त करने और महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में मील का पत्थर साबित हुई है।
दो चरणों में होगा निःशुल्क रिफिल का वितरण
राज्य सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रति वर्ष दो निःशुल्क एलपीजी रिफिल देने का निर्णय लिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह वितरण दो चरणों में किया जाएगा:
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पहला चरण: अक्टूबर 2025 से दिसंबर 2025 तक।
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दूसरा चरण: जनवरी 2026 से मार्च 2026 तक।
योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया है।
सब्सिडी सीधे खाते में होगी अंतरित
वर्तमान में 1.23 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों का आधार प्रमाणन पूरा हो चुका है, जिन्हें पहले चरण में लाभ दिया जा रहा है। योजनान्तर्गत तीनों ऑयल कंपनियों (इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) के माध्यम से यह वितरण सुनिश्चित कराया जा रहा है।
वितरण प्रक्रिया:
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लाभार्थी प्रचलित उपभोक्ता दर (14.2 किग्रा सिलेंडर) पर रिफिल खरीदेंगे।
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इसके बाद मात्र 3-4 दिनों के भीतर सब्सिडी की राशि उनके आधार प्रमाणित बैंक खातों में ऑयल कंपनियों द्वारा सीधे अंतरित (Transfer) कर दी जाएगी।
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केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सब्सिडी की राशि अलग-अलग लाभार्थियों के खातों में भेजी जाएगी।
जिनके पास 5 किग्रा के सिलेंडर हैं, वे चाहें तो 14.2 किग्रा के सिलेंडर भी प्राप्त कर सकते हैं।
आधार प्रमाणन का विशेष अभियान
जिन लाभार्थियों का आधार प्रमाणन अभी पूरा नहीं हुआ है, उनके लिए प्रशासन और ऑयल कंपनियों के सहयोग से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत लाभार्थियों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं, और आधार प्रमाणन हेतु विशेष ऐप विकसित किया जा रहा है। वितरण केंद्रों पर अतिरिक्त लैपटॉप लगाए गए हैं और प्रचार-प्रसार के लिए कैंप भी लगाए जा रहे हैं।
योजना की प्रभावी निगरानी के लिए राज्य स्तर पर खाद्यायुक्त कार्यालय और जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है। साथ ही, उपभोक्ताओं को पूरी मात्रा (14.2 किग्रा) में गैस मिले, इसके लिए बाट माप विभाग को नियमित जांच के आदेश दिए गए हैं।
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