संघ शताब्दी वर्ष: पश्चिमी यूपी से 500 KM की यात्रा पूरी कर लखनऊ पहुँचा कारवाँ, समाज में राष्ट्र निर्माण के संकल्प की गूंज

लखनऊ । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में निकाली गई ‘पंच परिवर्तन यात्रा’ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अनेक जनपदों को पार करते हुए 500 किलोमीटर की दूरी तय की और सोमवार को राजधानी लखनऊ पहुँची। राजधानी के दुबग्गा क्षेत्र में भारतीय केसरिया वाहिनी सहित तमाम हिंदूवादी संगठनों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया, जिसने शहर भर में उत्साह और श्रद्धा का माहौल उत्पन्न कर दिया। इसी के साथ, दिल्ली के जंतर मंतर से 3 अक्टूबर को शुरू हुई इस यात्रा के पहले चरण का समापन हुआ।

आत्मपरिवर्तन ही समाज परिवर्तन का आधार
संगोष्ठी में वक्ताओं ने संघ के मूल दर्शन और पंच परिवर्तन के महत्व को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय सह संगठन सचिव, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना एवं पूर्व प्रांत प्रचारक (अवध प्रांत) संजय हर्ष जी ने कहा कि पंच परिवर्तन केवल एक विषय नहीं, बल्कि एक जीवंत साधना है। उन्होंने ज़ोर दिया कि परिवर्तन का आरंभ व्यक्ति से होता है, बाहर से नहीं।
वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि ‘आत्मपरिवर्तन के बिना समाजपरिवर्तन संभव नहीं है।’ जब व्यक्ति अपने आचरण, वाणी और विचारों को शुद्ध करता है, तभी परिवार में सौहार्द, समाज में समरसता और राष्ट्र में सशक्तिकरण आता है। उन्होंने उपस्थित लोगों से भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने के लिए पंच परिवर्तन के मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रांत संघ चालक (अवध प्रांत) एवं महामना मालवीय मिशन के संस्थापक सदस्य प्रभु नारायण श्रीवास्तव जी ने की।
संगठनात्मक शक्ति का प्रदर्शन
यात्रा और संगोष्ठी को भव्य बनाने में भारतीय केसरिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव के नेतृत्व में भारत-तिब्बत सहयोग मंच, भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सक्रिय योगदान दिया।
श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि यह यात्रा समाज में राष्ट्रीय चेतना और संगठनात्मक एकता का सशक्त प्रतीक बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि पश्चिमी यूपी के जनपदों से होकर गुज़री इस यात्रा के पहले चरण के समापन के बाद, जल्द ही दूसरे चरण की घोषणा की जाएगी, जिसमें अधिक जनपदों और समुदायों को शामिल किया जाएगा।
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