ग्वालियर में हाई अलर्ट: 4 हजार जवानों की तैनाती और 70 चेकिंग प्वाइंट्स से किला बना शहर

Madhya Pradesh News: डॉ. भीमराव आंबेडकर पर दिए गए विवादित बयान के बाद ग्वालियर शहर पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। दलित संगठनों के आंदोलन के ऐलान और सवर्ण समाज की चुनौती को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के सबसे सख्त इंतज़ाम किए हैं। शहर में 4 हजार जवानों की तैनाती के साथ 70 से अधिक चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। पुलिस बल की मौजूदगी से शहर की हर सड़क पर सधी हुई चौकसी दिखाई दे रही है।
शांति की अपील, सख्त निगरानी

सीमाओं पर कड़ी नाकेबंदी
सावधानी के तौर पर ग्वालियर से सटे छह जिलों की सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई है। इनमें मुरैना, भिंड, अशोकनगर, गुना और शिवपुरी जिले शामिल हैं। हर जिले के पुलिस अधीक्षक को सख्त चौकसी के निर्देश दिए गए हैं। ग्वालियर की ओर आने वाले हर वाहन की तलाशी ली जा रही है ताकि किसी भी असामाजिक तत्व को शहर में प्रवेश न मिल सके।
हर गली में जवान, हर मोड़ पर चेकिंग
शहर की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हैं। IG अरविंद सक्सेना और SSपी खुद फ्लैग मार्च कर हालात का जायजा ले रहे हैं। बाज़ारों, मुख्य सड़कों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था है। बलवा नियंत्रण दल भी बलवा किट के साथ तैयार हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को तुरंत काबू किया जा सके।
बाहरी वाहनों पर पैनी नज़र
शहर में आने-जाने वाले सभी चेक पोस्ट सील कर दिए गए हैं। बाहरी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों और सवारी वाहनों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले यात्रियों से पूछताछ हो रही है। पुलिस हर व्यक्ति से शहर में आने की वजह जान रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पहले ही रोका जा सके।
आंदोलन की पृष्ठभूमि - विवाद से उपजा तनाव
पूरा मामला अधिवक्ता अनिल मिश्रा की ओर से डॉ. आंबेडकर पर दिए गए बयान से शुरू हुआ। इस पर अनुसूचित जाति संगठनों ने कड़ा विरोध जताया और आंदोलन की घोषणा की। इसके जवाब में सवर्ण संगठनों और अधिवक्ता संघों ने मिश्रा के समर्थन में प्रदर्शन किए और अफसरों के पुतले फूंके। बाद में दोनों पक्षों ने प्रशासन के साथ बैठक कर आंदोलन रद्द करने पर सहमति जताई, लेकिन पुलिस ने एहतियातन कड़े सुरक्षा प्रबंध बनाए रखे हैं।
प्रशासन का संदेश - शांति ही प्राथमिकता
ग्वालियर पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी रूप में शहर की शांति भंग करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोनों वर्गों के प्रमुखों से संवाद बना हुआ है ताकि किसी भी अफवाह या उकसावे की स्थिति को तुरंत काउंटर किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि शहर में सामान्य स्थिति बनाए रखना ही फिलहाल सबसे बड़ी प्राथमिकता है।