योगी सरकार के एनकाउंटर आंकड़े, मेरठ जोन में सबसे ज़्यादा अपराधी


राज्य सरकार ने इस अभियान को 'मिशन शक्ति 5.0' का हिस्सा बताया है, जो अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
आंकड़ों में पुलिस का सख्त एक्शन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2025 तक चले इन एनकाउंटर ऑपरेशनों में कई अपराधियों को गंभीर चोटें आईं और कुछ ने आत्मसमर्पण कर दिया। हाल के 20 दिनों में ही एक दर्जन से अधिक एनकाउंटर दर्ज किए गए, जिनमें कई वांछित अपराधी मारे गए या गिरफ्त में आ गए।
कुल एनकाउंटर15,000 से अधिकमारे गए अपराधी256 (अधिकांश पर लाखों का इनाम)गिरफ्तार अपराधी31,960घायल अपराधी10,324शहीद पुलिसकर्मी18घायल पुलिसकर्मी1,754 शामिल है।
मेरठ जोन में सर्वाधिक ऑपरेशन
एनकाउंटर ऑपरेशन में मेरठ जोन सबसे आगे रहा है, जहां 4,453 एनकाउंटर रिकॉर्ड किए गए, जो कुल ऑपरेशन का 30% से अधिक है।
अन्य प्रमुख जोनों का प्रदर्शन:
-
गाजियाबाद: 736 एनकाउंटर (13 अपराधी मारे गए)
-
गौतम बुद्ध नगर: 1,117 एनकाउंटर (9 अपराधी मारे गए)
-
आगरा: 458 एनकाउंटर (7 अपराधी मारे गए)
-
लखनऊ: 138 एनकाउंटर (12 अपराधी मारे गए)
अपराधियों में खौफ, संपत्ति पर चला बुलडोजर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही यह सख्त मंत्र दिया था कि अपराधी या तो जेल में होगा या फिर राज्य से बाहर। इस नीति के तहत न केवल एनकाउंटर बढ़े हैं, बल्कि संगठित अपराध पर भी कठोर कार्रवाई की गई है।
गैंगस्टर एक्ट के तहत 79,984 अपराधियों पर मुकदमे दर्ज किए गए। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत 930 गिरफ्तारियां हुईं। ₹142 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त या ध्वस्त की गई।
सरकार का दावा है कि इस कठोर कार्रवाई से राज्य में अपराधियों में खौफ पैदा हुआ है और जनता में प्रशासन के प्रति भरोसा बढ़ा है।