एमिटी यूनिवर्सिटी में एआई पर ‘इनफिनिटी 2025’ सम्मेलन, नैतिकता और मानवीय मूल्यों पर रहा फोकस

नोएडा। एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी बिजनेस स्कूल द्वारा एआई का मानवीकरण-नैतिक बुद्धिमत्ता, उत्तरदायी नवाचार और लचीली प्रणालियों को बढ़ावा देना नामक विषय पर 8वें वार्षिक तकनीकी सम्मेलन ‘इनफिनिटी 2025’ का आयोजन किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ हाउसिंग एंड अरबन डेवलपमेंट कोरपोरेशन लिमिटेड के सीनियर एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शैलेश त्रिपाठी, एमिटी विवि़. की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र एवं भूमि युद्ध अध्ययन केंद्र के सीनियर रिसर्च फेलो मेजर जनरल पीके मलिक, एडिशनल प्रो. वाइस चांसलर डा संजीव बंसल, आनंद एंड आनंद के चीफ इर्न्फोमेशन ऑफिसर डा, सुब्रोतो कुमार पांडा द्वारा किया गया।

सम्मेलन में शैलेश त्रिपाठी ने कहा कि आज एआई जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है जिसमें स्वास्थ्य, वित्त आदि शामिल है। एआई तकनीक मानव के कार्य को आसान बना सकता है किंतु मानव गरिमा को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता। एआई के उपयोग में नैतिकता और मूल्यों को उसकी नींव बनाये। एआई को आत्मसात करने में केवल विचारों को प्राप्त करना शामिल नही है बल्कि अवांछनीय को छोड़ना भी है। उन्होंने कहा कि एआई का एक पहलू निजता की सुरक्षा भी है इसलिए सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 लागू किया है। जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करना और डेटा को संसाधित करने को विनियमित करना है। एआई एक उपकरण है कोई विकल्प नहीं है।
डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि जब हम नैतिक मूल्यों की बात करते है तो हमें जानना होगा कि मानव मूल्य, एआई से अधिक महत्वपूर्ण हैं। एआई, मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का उपयोग समाज के हितों के लिए पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। प्रबंधन के सभी क्षेत्रों में जैसे मार्केटिंग, फाइनेस, मानव संसाधन, आपरेशन आदि सभी क्षेत्रों में एआई प्रणाली का उपयोग हो रहा है इसलिए छात्रों को एआई के लाभों और चुनौतियों को समझना होगा।
मेजर जनरल पीके मलिक ने कहा कि एआई, हमारे चारों ओर और हमारी दिनचर्या में व्याप्त है। वर्तमान में बहुत बड़ी मात्रा में डाटा उपलब्ध है जिसका विश्लेषण एआई के माध्यम से हो रहा है। एआई क्षेत्र में मुख्य विषय परिवर्तन है ना कि अलग किया जाना। उन्होनें छात्रों से कहा कि युवाओं पर देश का भविष्य आधारित है जिसमें आप पर दोहरी जिम्मेदारी है। प्रथम मानवता के साथ नेतृत्व करना और द्वितीय अपने तकनीक कौशल को विकसित करना है। एआई वर्तमान में सबसे अधिक शक्तीशाली उपकरण है।
इस एक दिवसीय सम्मेलन के अंर्तगत प्रथम परिचर्चा सत्र का आयोजन ‘एआई में नैतिक बुद्धिमत्ता-मानवीय मूल्यों और मशीनी तर्क में संतुलन’ विषय पर किया गया। जिसमें ग्रोबायज पाटर्नर के संस्थापक अतुल कुलश्रेष्ठ, सीडिया कंसलटिंग एलएलपी के एमडी नवीन चोपड़ा, एचसीएल टेक के एसोसिएट डायरेक्टर गिरिश कुमार सिंह और एओएन इंडिया के इंडिया आईटी आर्किटेक्ट डा नवीन गुप्ता ने अपने विचार रखे।