अहमदाबाद। गुजरात की सियासत में आज एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में सरकार के सभी मंत्रियों ने एक साथ अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस कदम से राज्य में नए मंत्रिमंडल के गठन का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री देर रात राज्यपाल को मंत्रियों के इस्तीफे और नए मंत्रियों की सूची सौंपेंगे।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने जानकारी दी कि इस कैबिनेट विस्तार में लगभग दस नए चेहरों को जगह दी जा सकती है। वहीं मौजूदा मंत्रियों में से करीब आधे को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। यह पूरी प्रक्रिया मंत्रियों को विश्वास में लेकर की जा रही है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि यह फेरबदल सिर्फ प्रशासनिक संतुलन नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस के आधार पर किया जा रहा है।
गौरतलब है कि वर्तमान गुजरात कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित कुल 17 मंत्री शामिल हैं, जिनमें आठ कैबिनेट मंत्री और आठ राज्य मंत्री हैं। गुजरात विधानसभा में कुल 182 सदस्य हैं और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार कुल 27 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
नए मंत्रिमंडल में उन चेहरों को प्राथमिकता दी जा सकती है, जो संगठनात्मक रूप से मजबूत हैं और जिनका जनसंपर्क अच्छा है। वहीं कुछ मंत्रियों को कमजोर प्रदर्शन और विवादों की वजह से बाहर किया जा सकता है। भाजपा की इस नई कवायद को 2024 के बाद बदलते राजनीतिक समीकरणों और आगामी चुनावों की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
इस बड़े फेरबदल को लेकर जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें अब शुक्रवार को होने वाले शपथग्रहण समारोह पर टिकी हैं, जहां यह साफ हो जाएगा कि भाजपा की नई टीम किन चेहरों पर दांव लगाती है और कौन-कौन मंत्री पद से विदाई लेते हैं।