हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में दिखेगा बड़ा बदलाव: सीएम सैनी ने दिए आदेश, हर मरीज को मिलेगी आधुनिक सुविधा

Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने का आदेश दिया है। उन्होंने शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि सरकार अस्पतालों के सौंदर्यीकरण, सफाई और मरीजों की सुविधा पर विशेष ध्यान देगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस कार्य के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
सफाई और निरीक्षण पर विशेष फोकस

अस्पतालों के सौंदर्यीकरण और मरम्मत कार्य की ली गई समीक्षा
इस समीक्षा बैठक में अस्पतालों में चल रही मरम्मत, विद्युत कार्य, वार्डों की स्थिति, रिसेप्शन, प्रतीक्षालय, पेयजल और सार्वजनिक सुविधाओं तक की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर अस्पताल की इमारत साफ-सुथरी और आकर्षक दिखाई दे। उन्होंने कहा कि हर अस्पताल परिसर हरा-भरा और पर्यावरण अनुकूल हो, इसके लिए उद्यान और पौधारोपण जरूरी है।
''स्वच्छता ही सेवा”: सीएम का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री सैनी ने अधिकारियों और कर्मचारियों को साफ संदेश दिया कि “सफाई कल्चर” को अस्पतालों में मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा, जो कर्मचारी अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाएगा, उसका संस्थानिक स्तर पर सम्मान होगा। वहीं, लापरवाही और अस्वच्छता पर तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मरीजों की सुविधा प्राथमिकता में, अस्पताल की जिम्मेदारी तय
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीज या उनके परिजनों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। लोक निर्माण विभाग द्वारा इमारतों की मरम्मत के बाद उनका रखरखाव मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी होगी। साथ ही, अस्पताल परिसरों में हरियाली बनाए रखने, पौधों की देखभाल और पार्कों की सफाई का कार्य निरंतर जारी रहना चाहिए।
कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी रहे बैठक में शामिल
इस उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव (लोक निर्माण विभाग) अनुराग अग्रवाल, वित्त सचिव मोहम्मद शाइन, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, और ओएसडी भारत भूषण भारती एवं विवेक कालिया मौजूद रहे। बैठक में तय किया गया कि अगले छह महीनों में अस्पताल विकास की नई रूपरेखा को धरातल पर लाया जाएगा।
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