मुजफ्फरनगरः कव्वाल अकरम साबरी हुए दुनिया से रुखसत, सिर चढक़र बोलता था अकरम की आवाज का जादू
मुजफ्फरनगर। कव्वाली की दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय पहचान रखने वाले मुजफ्फरनगर की सरज़मी के मायनाज़ फनकार अकरम साबरी का रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 65 साल के थे। असलम-अकरम नाम से मशहूर कव्वाल की जोड़ी में से अकरम साबरी के जाने से संगीत जगत को गहरा झटका लगा है।
अकरम साबरी की आवाज में एक जादू था जो सुनने वालों को अपनी और खींचती थी उनकी कव्वाली सुनने वाले मंत्र मुग्ध हो जाया करते थे। अकरम साबरी को गायकी विरासत में मिली है। मीर समाज के प्रवक्ता वसी खैरी मीर जी ने बताया कि रविवार देर रात अकरम साबरी ने नगर के मोहल्ला मीमलाना रोड अपने पैतृक आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर के बाद उनके आवास पर लोगों को तांता लगना शुरू हो गया। अकरम साबरी की सुरीली आवाज का जादू श्रोताओं के सिर चढ़कर बोलता था। अफजाल साबरी के निधन पर साहित्य व कला क्षेत्र से जुड़े लोगों समेत क्षेत्रवासियों ने गहरे दुख का इजहार किया है।
