झारखंड हाईकोर्ट सिल्वर जुबली: जस्टिस सूर्यकांत बोले, न्यायपालिका का उद्देश्य वंचितों को संरक्षण देना भी है
रांची। देश के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने कहा है कि न्यायपालिका का उद्देश्य केवल विवादों का निपटारा करना नहीं, बल्कि कमजोर और वंचित वर्गों को संरक्षण देना भी है। वह शनिवार को रांची में झारखंड हाईकोर्ट के सिल्वर जुबली समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में न्यायपालिका को भी तकनीकी बदलाव अपनाने होंगे। मंत्री मेघवाल ने सुझाव दिया कि सिल्वर जुबली के बाद हाई कोर्ट को गोल्डन जुबली के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार करना चाहिए। उन्होंने रांची में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की बेंच स्थापित करने की अधिवक्ताओं की मांग पर विचार का आश्वासन दिया। समारोह में स्वागत भाषण देते हुए झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने झारखंड के गौरवशाली इतिहास और हाईकोर्ट की अब तक की यात्रा पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी ऑफ झारखंड मोबाइल ऐप लॉन्च किया और हाई कोर्ट की स्मारिका “प्रगति” का विमोचन किया। इससे पहले सभी अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। समारोह में झारखंड हाईकोर्ट के सभी जज, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपंकर दत्ता, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा, जस्टिस संदीप मेहता, जस्टिस विजय विश्नोई, मुंबई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर, तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह, पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह सहित कई पूर्व जज, अधिवक्ता और न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे।
