शामली में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने टीईटी छूट के लिए अध्यादेश लाने की मांग की

शामली। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ व उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ के पदाधिकारी गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय को सौंपा।
संघ ने ज्ञापन में मांग की कि सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा 1 सितम्बर 2025 को दिए गए आदेश में संशोधन हेतु अध्यादेश लाया जाए। कोर्ट ने पांच वर्ष से अधिक सेवा करने वाले शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने के आदेश दिए हैं। जबकि आदेश के एक भाग में 3 सितम्बर 2001 तक नियुक्त तथा 23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त करने की बात कही गई है।
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 के लागू होने से पूर्व सभी शिक्षकों की नियुक्ति विभाग द्वारा निर्धारित योग्यता व शर्तों के अनुसार हुई थी। ऐसे में उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा में सम्मिलित करना अनुचित है। उन्होंने बताया कि मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त 31 दिसम्बर 1999 तक के शिक्षक प्रशिक्षण से शासन द्वारा मुक्त किए गए थे, इस कारण वे आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। इसी प्रकार बीएड धारक शिक्षक, जिन्हें 2018 से पहले नियुक्त किया गया था, पात्रता परीक्षा में आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे।
संघ पदाधिकारियों ने आशंका जताई कि यदि स्थिति यथावत रही तो देशभर के लगभग 40 लाख और प्रदेश के करीब 4 लाख बेसिक शिक्षक नौकरी से हाथ धो बैठेंगे। इससे लाखों परिवार भुखमरी और विस्थापन की कगार पर आ जाएंगे। ंघ ने प्रधानमंत्री से मांग की कि 23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को अध्यादेश लाकर शिक्षक पात्रता परीक्षा से मुक्त किया जाए। इस अवसर पर योगेश राठी, खलील अहमद, प्रमोद कुमार शर्मा, पूनम तोमर आदि मौजूद रहे।