शामली में गन्ने के साथ दलहनी फसलों की सहफसली हेतु मसूर व चना बीज मिनीकिट जल्द उपलब्ध
शामली। गन्ने के साथ दलहनी फसलों की सहफसली खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन (दलहन) योजना के तहत, शामली जिले के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है।
भारत सरकार द्वारा रबी 2025-26 के लिए जनपद को चना के 50 पैकेट और मसूर के 225 पैकेट (प्रत्येक पैकेट 8 किलोग्राम) बीज मिनीकिट उपलब्ध कराए गए हैं। जिला कृषि अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि यह मिनीकिट जनपद के राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर 01 से 02 दिनों में (सोमवार, 10/11/2025 तक) उपलब्ध हो जाएंगे।
यह बीज मिनीकिट कृषकों को निशुल्क वितरित किया जाएगा। वितरण "पहले आओ-पहले पाओ" के आधार पर किया जाएगा।
आवश्यक शर्तें:
मसूर बीज मिनीकिट प्राप्त करने वाले लाभार्थी कृषक का किसान पंजीकरण होना अनिवार्य है। बीज का वितरण पोस मशीन से बायोमैट्रिक प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। अधिक से अधिक कृषकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से, एक फसल सत्र में प्रति कृषक अधिकतम एक मिनीकिट ही देय होगा।
गेहूं बुवाई के लिए अनुदानित बीज उपलब्ध
जिला कृषि अधिकारी प्रदीप कुमार ने यह भी बताया कि वर्तमान में गेहूं बुवाई का उपयुक्त समय चल रहा है। उन्होंने किसान भाइयों से अपील की है कि वे अपने विकास खण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार पर आधार कार्ड के साथ स्वयं उपस्थित होकर उच्च गुणवत्ता का गेहूं बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर प्राप्त करें।
गेहूं की विशेष प्रजाति:
जनपद के सभी राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर गेहूं की प्रजाति डी0बी0डब्लू-187 (करण वंदना) भी उपलब्ध है। इसमें प्रोटीन एवं आयरन की मात्रा अधिक पाई जाती है। इसके आटे की चपाती भी अच्छी बनती है। यह प्रजाति भूरा एवं पीला रतुआ रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता भी अच्छी है।
किसानों से आग्रह किया गया है कि वे समय पर राजकीय कृषि बीज भण्डारों का लाभ उठाकर अपनी खेती को उन्नत बनाएँ।
