यूपी में नारकोटिक्स दवाओं के अवैध नेटवर्क को तोड़ने के लिए एसआईटी होगी गठित, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने की घोषणा
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने कहा है कि प्रदेश कोडीनयुक्त सिरप और नारकोटिक्स दवाओं के नेटवर्क को तोड़ने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की जाएगी।
श्री कृष्णा ने सोमवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार ने हाल के महीनों में नशामुक्त अभियान को प्राथमिकता देते हुए निर्देशित किया था कि कोडीनयुक्त कफ सिरप जैसी दवाओं के अवैध उपयोग और काले बाज़ार को पूरी तरह समाप्त किया जाए। इसी क्रम में सभी एजेंसियों ने व्यापक छापेमारी कर नेटवर्क का खुलासा किया।
उन्होंने बताया कि विशेष अभियान के दौरान यूपी एसटीएफ ने कुल नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, जिनमें धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, लेकपाल आनंद, विशाल राणा, विशाल सिंह, जितेंद्र कुमार, सजीव कुमार, अमित कुमार सिंह और अमित टाटा शामिल हैं। इनपर प्रतिबंधित दवाओं की अवैध आपूर्ति और डाइवर्जन में शामिल होने के साक्ष्य मिले।
डीजीपी ने बताया कि इस मामले में जोनवार कार्रवाई के तहत लखनऊ जोन में कुल 11 अभियोग पंजीकृत होने के साथ ही दो अभियुक्त रूपेश राय एवं पवन रस्तोगी की गिरफ्तारी की गई है। इसी तरह बरेली जोन के तहत चार अभियोग दर्ज करने के साथ ही दो अभियुक्त अतुल कुमार एवं राकेश रस्तोगी गिरफ्तार किये गए हैं। गोरखपुर जोन के तहत 10 अभियोग दर्ज और 3 अभियुक्त नीरज कुमार दीक्षित, अली शेर मेहराब और मोहम्मद आफताब गिरफ्तार किया गया है। वाराणसी जोन के तहत 2 अभियोग दर्ज दर्ज करने के साथ ही अत्रि राम, विशाल जायसवाल, बाबर अहमद और आज़ाद सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ रोशन जैकब ने कहा है कि यूपी में किसी की भी कोडीनयुक्त सिरप मौत नही हुई है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए), उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ की तरफ से दवाओं के अवैध भंडारण और बगैर परमिट के रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अभी तक प्रदेश में 279 अभियुक्त चिन्हित, 28 जनपदों में 128 अभियोग पंजीकृत, तथा कई तस्कर, संचालक और सप्लायर गिरफ्तार किए गए हैं।
औषधि विभाग ने बताया कि 28 जनपदों में गंभीर अनियमितताएँ मिलने पर कुल 128 अभियोग पंजीकृत किए गए हैं। इन मुकदमों को बीएनएस अधिनियम 2023, एनडीपीएस एक्ट तथा ड्रग व कास्मेटिक एक्ट के अंतर्गत दर्ज किया गया। डीजीपी ने बताया कि सोनभद्र पुलिस की कार्रवाई कोडीनयुक्त कफ सिरप से भरे 02 ट्रक जब्त, कुल 1,19,675 बोतलें मिली हैं व 3 आरोपी हेमलत पाल, ब्रजमोहन शिवहरे और रामगोपाल धाकड़ को गिरफ्तार किया गया है। रांची, झारखंड से लाई गई 13,400 बोतलें जब्त की गई हैं। गाज़ियाबाद पुलिस और सोनभद्र की संयुक्त कार्रवाई 1,57,350 बोतल कोडीनयुक्त सिरप बरामद करने के साथ ही 8 आरोपी गिरफ्तार किये गए हैं। जिनमे सोहन त्यागी, शादाब, शेखर उर्फ बेम, सलीम खीरी, अनस मलिक, जितेन्द्र सिंह, दीपक कुमार, सुशील यादव शामिल हैं।
कृष्णा ने बताया कि प्रतिबंधित दवाओं का इस्तेमाल नेपाल व बांग्लादेश होते हुए उत्तर प्रदेश में पहुँचने की आशंका है। गाज़ियाबाद व वाराणसी के कुछ रूटों पर तस्करी के संकेत मिले हैं। दस्तावेज़ के अनुसार, कई मेडिकल स्टोर, डिस्ट्रीब्यूटर और थोक विक्रेता अवैध तरीके से बिना वास्तविक मरीजों की आवश्यकता के भारी मात्रा में कफ सिरप की खरीद-बिक्री में शामिल पाए गए। कई फार्मों ने फर्जी प्रिस्क्रिप्शन और अनियमित रिकॉर्ड के आधार पर दवाओं की कालाबाजारी की।
खाद्य औषधि आयुक्त डॉ रोशन जैकब ने बताया कि औषधि विभाग ने अब तक 279 लोगों को इस अवैध नेटवर्क का हिस्सा मानते हुए चिन्हित किया है। कई संचालकों के लाइसेंस निलंबित/रद्द किए गए हैं। लगभग 1 से 3 साल से कोडीनयुक्त सिरप की असामान्य खरीद-बिक्री के प्रमाण मिले हैं।
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