यूपी में पुलिस इंस्पेक्टर के तबादले को लेकर भिड़े बीजेपी विधायक, एक MLA को जान का खतरा, दूसरा बोला-ये बढ़िया है !
.jpg)
झांसी- उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में पुलिस प्रशासन के एक फैसले ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो विधायकों के बीच तीव्र विवाद को जन्म दे दिया है। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मंत्री बेबी रानी मौर्य ने एक पत्र के माध्यम से संबंधित पुलिस इंस्पेक्टर के स्थानांतरण की सिफारिश की। इसके बाद से दोनों विधायकों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने डीजीपी को पत्र लिखकर इंस्पेक्टर आनंद सिंह पर कार्रवाई को कहा था, जिसके बाद इंस्पेक्टर को सीपरी बाजार थाने से हटाकर एएचटीयू प्रभारी बनाया गया और एसपी देहात को इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच की जिम्मेदारी दी गई। मंत्री बेबी रानी मौर्य ने पत्र में बबीना क्षेत्र के विधायक राजीव सिंह पारीछा की शिकायत का हवाला दिया था। राजीव ने मंत्री से शिकायत की थी कि इंस्पेक्टर आनंद सिंह उनसे व्यक्तिगत रंजिश रखते हैं और उनके खिलाफ सार्वजनिक रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। मंत्री ने पत्र में लिखा था कि इंस्पेक्टर ने उनके सामने भी अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया।
शुक्रवार को सदर विधायक रवि शर्मा की ओर से मंत्री बेबी रानी मौर्य को लिखा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। विधायक रवि शर्मा ने मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि आनंद कुमार सिंह उनके विधानसभा क्षेत्र में सीपरी बाजार थाने के प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। जन सामान्य के प्रति उनका व्यवहार मृदुल रहा है। ये अपने कार्य के प्रति काफी सजग हैं और अपराध को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में सफल हैं।
झांसी में इंस्पेक्टर आनंद कुमार सिंह को लेकर नेताओं की चिट्ठीबाजी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया है। झांसी में मऊरानीपुर, सीपरी बाजार, प्रेम नगर और शहर कोतवाली में इनकी तैनाती रही है। झांसी में पिछले तीन दिनों से इंस्पेक्टर आनंद कुमार सिंह चर्चा में हैं।
इन घटनाओं ने उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन और भाजपा के भीतर के आंतरिक मतभेदों को उजागर किया है। जहां एक ओर विधायक पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी के भीतर के मतभेदों के कारण प्रशासनिक फैसलों पर विवाद उत्पन्न हो रहे हैं। यह घटनाएँ राज्य में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के मुद्दों को फिर से चर्चा में ला रही हैं।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन के फैसलों को लेकर भाजपा के भीतर चल रही राजनीति और विवादों ने राज्य की प्रशासनिक स्थिति को प्रभावित किया है। यह देखना होगा कि पार्टी और सरकार इस स्थिति को कैसे संभालती हैं और प्रशासनिक फैसलों पर राजनीति के प्रभाव को कैसे कम करती हैं।
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !