मुजफ्फरनगर यातायात पुलिस का अतिक्रमण मुक्त अभियान, व्यापारियों को हो रही समझाने की कोशिश !
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मुजफ्फरनगर। शहर में बढ़ते यातायात दबाव और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए यातायात पुलिस ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। यातायात पुलिस के बदले तेवर भारी पड़ते दिख रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक यातायात अतुल कुमार चौबे और क्षेत्राधिकारी यातायात ऋषिका सिंह के नेतृत्व में नवागत यातायात प्रभारी राकेश कुमार ने व्यवस्था सुधारने का बीड़ा उठाया है।
पुलिस की इस मानवीय और शिक्षाप्रद पहल से लोग जुड़ाव महसूस कर रहे हैं, जिससे न केवल पार्किंग व्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा है, बल्कि यातायात पुलिस की छवि भी एक सहयोगी के रूप में उभर रही है।
शहर के बाजारों में जाम का सबसे बड़ा कारण सड़कों पर फैला अतिक्रमण है। इस समस्या से निपटने के लिए यातायात पुलिस ने दुकानदारों और व्यापारियों से सीधे संवाद स्थापित किया है। उन्हें यह समझाया जा रहा है कि सड़क पर रखा सामान न केवल यातायात में बाधा डालता है, बल्कि ग्राहकों के लिए भी असुविधाजनक है। पुलिस के इस व्यवहारिक दृष्टिकोण ने व्यापारियों को सहयोग के लिए प्रेरित किया है और कई प्रमुख बाजारों में सड़कों ने राहत की सांस ली है।
शहर के कई हिस्सों में जाम से मुक्त रखने के लिए ई-रिक्शा की आवाजाही प्रतिबंधित है, किंतु नियमों की अनदेखी आम बात थी। अब यातायात पुलिस ने ऐसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में ई-रिक्शा के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी है। नियम तोड़ने वाले ई-रिक्शा चालकों को रोका जा रहा है और उनके खिलाफ चालान की कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है। पुलिस का प्रयास है कि यह कार्रवाई केवल दंडात्मक न होकर एक सबक बने, ताकि चालक भविष्य में गलती दोहराने से बचें।
यातायात पुलिस ठेले, रेहड़ी और पटरी वालों के मामलों में सख्ती के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण भी अपना रही है। उन्हें सड़क के किनारे अनावश्यक अतिक्रमण न करने और यातायात में बाधा न बनने के लिए समझाया जा रहा है। पुलिस उन्हें यह एहसास दिला रही है कि वे भी शहर का हिस्सा हैं और एक व्यवस्थित शहर सभी के हित में है।
इस सहयोगात्मक वातावरण का परिणाम यह है कि रेहड़ी-पटरी वाले भी अब व्यवस्था बनाने में सहयोग कर रहे हैं। नवागत यातायात प्रभारी राकेश कुमार के नेतृत्व में पूरी यातायात पुलिस टीम, जिसमें समस्त टीएसआई (ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर) भी शामिल हैं, शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पूरी लगन से जुटी है।
पुलिस के इस नए अंदाज से सड़कों पर जाम की समस्या कम हो रही है, वहीं आम जनमानस को सुगम आवागमन का अनुभव मिल रहा है। यदि पुलिस और नागरिकों का यह सहयोग निरंतर बना रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब मुजफ्फरनगर की यातायात व्यवस्था प्रदेश में एक मिसाल बनेगी।
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