मेरठ में दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग और श्रवण यंत्र के लिए अनुदान, मोटोराइज्ड ट्राईसाइकिल योजना भी शुरू

मेरठ। मेरठ में दिव्यांगजनों के लिए कृत्रिम अंग, श्रवण सहायक यंत्र, और मोटोराइज्ड ट्राईसाइकिल योजना के तहत अनुदान प्रदान करने की पहल शुरू की गई है। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) नूपुर गोयल ने सभी खंड विकास अधिकारियों (बीडीओ), अधिशासी अधिकारियों, नगर पालिका परिषद, और नगर पंचायतों को पत्र जारी कर इस योजना का लाभ अधिक से अधिक दिव्यांगजनों तक पहुंचाने की अपील की है।
आवश्यक दस्तावेज: दिव्यांग प्रमाण पत्र,आधार कार्ड,फोटो,मोबाइल नंबर,मुख्य चिकित्साधिकारी की संस्तुति,जाति प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र (मान्य प्राधिकारी: सांसद, विधायक, महापौर, पार्षद, नगर पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, या ग्राम प्रधान) आवेदन विभागीय पोर्टल http://divyangjanup.upsdc.gov.in पर ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं।
मोटोराइज्ड ट्राईसाइकिल योजना
मोटोराइज्ड ट्राईसाइकिल योजना के तहत उन दिव्यांगजनों को लाभ मिलेगा, जो मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी, स्ट्रोक, सेरेब्रल पाल्सी, हीमोफीलिया जैसे रोगों से ग्रस्त हैं या समान शारीरिक स्थिति में हैं। पात्रता शर्तें इस प्रकार हैं:
आयु 16 वर्ष या उससे अधिक हो। उत्तर प्रदेश का निवासी हो। परिवार की कुल वार्षिक आय 1,80,000 रुपये से अधिक न हो (तहसीलदार द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र मान्य)। दृष्टि और मानसिक स्थिति सामान्य हो। कमर के ऊपर का हिस्सा स्वस्थ हो। मोटोराइज्ड ट्राईसाइकिल को हाथों से संचालित करने में सक्षम हो। मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा न्यूनतम 80% या अधिक दिव्यांगता प्रमाणित हो।
इस योजना के तहत पात्र दिव्यांगजन को जीवन में केवल एक बार मोटोराइज्ड ट्राईसाइकिल प्रदान की जाएगी। लाभार्थी को पहले भारत सरकार, स्थानीय निकाय, सांसद/विधायक निधि, या अन्य सरकारी स्रोतों से इस तरह का लाभ नहीं मिला होना चाहिए। आवेदन विभागीय पोर्टल https://hwd.uphq.in पर जमा किए जा सकते हैं।
सीडीओ नूपुर गोयल ने सभी संबंधित अधिकारियों से इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने और पात्र दिव्यांगजनों को लाभान्वित करने का निर्देश दिया है। यह योजना दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी जीवन गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।